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नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर लगा बट्टा, नीरा स्टॉल पर बिक रहा गुटखा और सिगरेट - etv bihar

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) के बाद ताड़ी से नीरा बनाने की योजना की शुरुआत हुई थी, जो पूरी तरह से ठप हो गई है. नीरा के स्टॉल में नीरा की जगह अब पान, गुटखा, चाय और अन्य खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं. वहीं, मद्य निषेध विभाग के मंत्री का कहना है कि जल्द ही नीरा उद्योग को एक बार फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा.

Neera Industry in Bihar
Neera Industry in Bihar

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Published : Feb 10, 2022, 3:29 PM IST

पटना: बिहार में अप्रैल 2017 से ताड़ी को नीरा में बदलने की योजना (Plan to convert Toddy into Neera is Stalled) की शुरुआत बड़े जोर शोर के साथ की गई. पटना के कई प्रमुख चौक चौराहों पर नीरा के स्टॉल लगाए गए और महज 4 सालों के अंदर उद्योग पूरी तरह से चौपट होता नजर आ रहा है. पटना के चौक चौराहों पर विभाग की ओर से लगाए गए नीरा के स्टॉल में अब पान, गुटखा, चाय और अन्य खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं. हालांकि, विभागीय मंत्री ने कहा है कि जल्द ही बिहार में नीरा उद्योग (Neera Industry in Bihar) को एक बार फिर से पुनर्जीवित करने की शुरुआत की जाएगी.

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इस योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि नीरा ताड़ी का ही एक विकृत रूप है. ताड़ी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, लेकिन नीरा पौष्टिक होता है. ताड़ी के पेड़ों की संख्या के आधार पर प्रखंड और पंचायत स्तर पर नीरा को एकत्र करने के लिए केंद्र भी बनाए गए जीविका समूह की तरह नीरा एकत्र करने के लिए एक समूह विभाग की ओर से बनाया गया. बावजूद इसके नीरा उद्योग आज पूरी तरह से बेहाल है.

नीरा को लेकर आम लोग कहते हैं कि बिहार सरकार ने बड़ी तामझाम के साथ इस योजना की शुरुआत की थी और आज हालात यह है कि पूरे पटना में नीरा खोजने से भी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. नीरा स्टॉल्स पर अब पान, गुटखा, सिगरेट, चिप्स और कुरकुरे बेचे जा रहे हैं. जब लोग नीरा पीने के लिए स्टॉल्स पर पहुंचते हैं, तो उन्हें निराशा हाथ लगती है.

नीरा स्टॉल चलाने वाली महिलाएं कहती हैं कि नीरा की खपत और बिक्री कम होने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियां आने लगी हैं और हाल के दिनों में हुए लॉकडाउन में इस उद्योग से जुड़े लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. मजबूरन इस उद्योग से जुड़े लोगों ने अपने-अपने नीरा स्टॉल्स पर अन्य खाद्य पदार्थ बेचने की शुरुआत कर दी है. आपको बता दें कि नीरा स्टॉल्स पर नीरा की बिक्री को छोड़कर किसी अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.

मद्य निषेध विभाग के मंत्री संजय सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण उद्योग से जुड़े लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. यह उद्योग पूरी तरह कंज्यूमर बेस्ड है और लॉकडाउन के कारण सड़कों पर आम लोग नहीं निकल पा रहे थे. इस उद्योग की एक बार फिर से समीक्षा की गई है. समीक्षा के दौरान यह अनुमान जताया गया है कि थर्ड वेव के खत्म होने के बाद इस रोजगार को एक बार फिर से गति मिलेगी. संजय सिंह ने कहा कि इस उद्योग से जुड़े हुए लोगों को एक बार फिर से प्रोत्साहित किया जाएगा और आने वाले दिनों में इस उद्योग से जुड़े लोगों को काफी आर्थिक फायदा होने का उम्मीदें बढ़ी हैं.

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