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Bihar Politics : लोकसभा चुनाव में हाथ आजमा सकते हैं PK, 10 से 15 सीटों पर जन सुराज समर्थित उम्मीदवार देने की तैयारी - जन सुराज पदयात्रा

जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों पदयात्रा कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले 25 से 30 जिलों की पदयात्रा पूरी कर लेंगे. प्रशांत किशोर को बिना दल बनाए 3 एमएलसी का समर्थन भी मिल गया है. कई पूर्व आईएएस अधिकारियों का भी समर्थन मिल रहा है. 2024 लोकसभा चुनाव में पीके 15 से 20 सीट पर उम्मीदवारों को समर्थन देने की तैयारी कर रहे हैं. विश्लेषकों के अनुसार यह 2025 चुनाव से पहले एक प्रकार का टेस्ट भी होगा.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

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Published : May 5, 2023, 9:58 PM IST

प्रशांत किशोर की राजनीति.

पटनाः राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर दो अक्टूबर 2022 से लगभग तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले हैं. जनसामान्य से घर-घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं. 5 मई तक 216 दिन में 7 जिलों और ढाई हजार से अधिक गांवों की पदयात्रा कर चुके हैं. 15 से 20 किलोमीटर प्रतिदिन पदयात्रा करते हैं. इस दौरान पीके को लोगों का साथ मिल रहा है. दो निर्दलीय एमएलसी उनसे जुड़ चुके हैं. अब दो मई को छह आईएएस भी उनसे जुड़ चुके हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि आनेवाले चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के लिए मुश्किल खड़ा कर सकते हैं.

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लोकसभा चुनाव में होगा ट्रायलः 2024 लोकसभा चुनाव में जन सुराज के समर्थन से चुनाव लड़ सकते हैं. सच्चिदानंद राय ने संकेत भी दिए हैं. 15 से 20 सीटों पर जन सुराज समर्थित उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं, उसकी तैयारी चल रही है. प्रशांत किशोर ने भी वैशाली में बयान दिया था कि अच्छा उम्मीदवार मिला तो समर्थन कर सकते हैं. प्रशांत किशोर के साथ 200 से अधिक प्रोफेशनल जिसमें पूर्व आईएएस आईपीएस अधिकारी हैं. प्रशांत किशोर के साथ बड़ी टीम काम कर रही है और इसलिए उनकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है.

जनसभा में उठाते गंभीर मुद्देः प्रशांत किशोर के नजदीकियों का यह भी कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव तक पूरे राज्य की पदयात्रा नहीं हो पाएगी, ऐसे में दल बनाने की संभावना कम है. उनकी तैयारी 2025 विधानसभा की हो रही है. लेकिन लोकसभा चुनाव में अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन कर लोगों के मूड को देख सकते हैं. प्रशांत किशोर लोगों के मुद्दे उठाते हैं और लोगों से यह भी कहते हैं कि आपने सबको मौका दिया है इसलिए जन सुराज को भी एक मौका दीजिए. प्रशांत किशोर यात्रा के दौरान गांव में जनसभा करते हैं और महंगाई बेरोजगारी लोगों से जुड़े मुद्दे उठाते हैं. बिहार के गांव से हो रहे लोगों के पलायन पर लालू नीतीश और मोदी तक पर निशाना साधते हैं.

प्रशांत किशोर की राजनीति.

बिहार की राजनीति में दिखेगा असरः वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है लोकसभा का चुनाव जब होगा तो मोदी के पक्ष में और विपक्ष में चुनाव होगा. उसी तरह विधानसभा का जब चुनाव होगा तो एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा. प्रशांत किशोर बड़ा नाम है. पदयात्रा भी कर रहे हैं लेकिन बिहार की जाति वाली राजनीति में क्या कुछ कर पाते हैं देखने वाली बात होगी. अभी जिन निर्दलीय विधान पार्षद का समर्थन मिल रहा है तो किसी को भी समर्थन कर सकते हैं. बिहार की जाति वाली वोट की राजनीति में प्रशांत किशोर कहां टिक पाते हैं यह 2024 और 2025 में साफ हो जाएगा.

"डेमोक्रेसी में सबको यात्रा करने पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए वैकेंसी ही नहीं है लोग प्रधानमंत्री के नाम पर वोट करेंगे और 2025 में बिहार में बीजेपी की सरकार बनेगी"- अजफर शमशी, प्रवक्ता, बीजेपी

विकल्प देने का प्रयास: प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार माने जाते हैं उत्तर प्रदेश को छोड़ दें तो जिन राज्यों में उन्होंने काम किया है सभी में जीत दिलाई है. बिहार में भी 2015 में महागठबंधन को प्रचंड बहुमत दिलाने में प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई थी. नीतीश कुमार, प्रशांत किशोर के काम से इतना प्रभावित हुए कि पार्टी में दो नंबर की कुर्सी दे दी. जदयू में बहुत दिनों तक प्रशांत किशोर टिक नहीं पाए. पिछले साल उन्होंने जनसुराज पदयात्रा शुरू की. विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर अपनी पार्टी बना लेंगे, ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है. बिहार के लोगों को एक विकल्प देने की कोशिश करेंगे.


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