पटना:बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि प्रदेश में खराब और बंद पड़े चापाकलों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. जिसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. विभाग के अधिकारी सभी जिलों से डाटा मांग रहे हैं. सभी जिलों से डाटा आने के बाद बंद चापाकलों को ठीक कराया जाएगा. क्योंकि गर्मी की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गयी है. विभाग अपने काम को लेकर आगे से ही रणनीति बना कर काम करती है.
पेयजल की गंभीर समस्या
विभाग के अधिकारी, डीएम से लेकर प्रखंड स्तर पर बीडीओ सर्वेक्षण करेंगे. जिसकी सूची प्रखंडवार रहेगी जिससे काम कराने में सहूलियत होगी. रिपोर्ट आने के बाद चापाकलों को गर्मी से पहले विभाग ठीक करवाएगा. गर्मी के समय आते ही ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर लेवल डाउन होने लगता है. नदी और पोखर के पानी का जलस्तर कम होने के साथ पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न होने लगती है.
पानी की अधिक आवश्यकता
ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल पर कतार लग जाती है. अप्रैल माह से ही गर्मी का तापमान बढ़ जाता है और जल स्तर नीचे खिसकने लगता है. जिससे लोगों को पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है. साल 2020 में बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर बढ़ा है. लेकिन गर्मी के मौसम शुरू होते ही पानी की खपत दोगनी हो जाती है. क्योंकि गर्मी के मौसम में मनुष्य के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी पानी की अधिक आवश्यकता होती है. दो बूंद पानी के लिए मवेशियों को भटकते देखा जाता है. पानी की समस्या विकराल हो जाती है.