पटनाःराज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्टमें 2 मई 2023 को सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ मंगलवार को इस पर सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है.
ये भी पढ़ेंःBihar Caste Census: बिहार में जातिगत जनगणना के क्या हैं फायदे और नुकसान? एक क्लिक में जानें सबकुछ
दोनों पक्षों ने रखी अपनी दलीलः सरकार के द्वारा किए गए काउंटर एफिडेविट रिकार्ड में नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है. अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है. उन्होंने ये भी कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. कोर्ट को बताया गया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन पर सुनवाईः इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वकील दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पीके शाही कोर्ट के समक्ष अपने-अपने पक्षों को प्रस्तुत कर रहे हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना को रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को पटना हाई कोर्ट भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन पर पटना हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई थी.