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पटनाइट्स की मुहिम लाई रंगः पहले स्ट्रीट लाइट लगवाई, अब बना रहे सड़क - चंदा इकट्ठा कर लगाई स्ट्रीट लाइट

पटना के आशीर्वाद कॉलोनी में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये से तंग आकर स्थानीय लोगों ने खुद ही सड़क बनाना शुरू कर दिया है. चंदे के पैसे से स्ट्रीट लाइट लगवा दी और अब सड़क बनाने में जुटे हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

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Published : Jul 26, 2021, 8:16 AM IST

पटनाः आशीर्वाद कॉलोनी स्थित शिवाजी नगर (Shivaji Nagar) एक अच्छी खासी आबादी वाला मुहल्ला है. लेकिन मुख्य मार्ग से बिल्कुल कटा हुआ था. रात होते ही अंधेरा पसर जाता था. ना स्ट्रीट लाइट (Street Light) थी और ना ही पक्की सड़क. बारिश होते ही लोगों की परेशानी ही बढ़ जाती थी. कच्ची सड़क (Dirt Road) पर हर दिन दो से तीन लोग गिरते ही थे. लेकिन अब यहां ऐसा नहीं हो रहा. शिवाजी नगर के लोगों ने आपस में ही चंदा किया, श्रमदान कर सबसे पहले स्ट्रीट लाइट लगाई. अब सड़क बनाने में जुट चुके हैं.

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शिवाजी नगर के लोगों ने कई बार अपनी परेशानियों से जनप्रतिनिधियों को रूबरू कराया. उनसे कहा, लोग हर दिन दुर्घटना क शिकार हो रहे हैं. कच्ची सड़कों पर लोग फिसल कर गिर जाते हैं. कई लोगों के पैर और हाथ भी टूट चुके हैं. लेकिन स्थानीय लोगों को सिर्फ आश्वासन मिला. काफी दिन इंतजार के बाद भी कोई पहल नहीं हुई तो लोगों ने खुद पहल करने की ठान ली.

देखें पूरी रिपोर्ट

स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा किया. अपने दमपर मुख्यपथ से जोड़ने के लिए लिंक पथ का निर्माण कराया. रात में लोग सड़कों पर बिना किसी परेशानी के आ-जा सकें, इसलिए स्ट्रीट लाइट भी लगवा दी. स्थानीय लोगों ने सरकार से की गई सारी उम्मीदें खत्म कर ली हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि पांच साल में विधायक जागते हैं. अगले चुनाव में वे जरूर आएंगे. तबतक यहां सड़क बन जाएगी.

'कई वर्षों तक हम लोग मंत्री से लेकर अधिकारियों के कार्यालय तक का चक्कर काटते रहे. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हमें जनप्रतिनिधियों ने भी बस आश्वासन ही दिया.'-दीपक कुमार, स्थानीय

'यहां अक्सर बाइक से लोग पिसल कर गिर जाते थे. बरसात के दिनों में काफी समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं. इस कारण हम लोगों ने सड़क बनाना शुरू किया.'-धीरज कुमार, स्थानीय

'कई बार हम सभी मुखिया के घर गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे तंग आकर हम लोग खुद आपसी सहयोग से स्ट्रीट लाइट लगवाई और अब सड़क का निर्माण करवा रहे हैं.'-बसंत सिंह, स्थानीय

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