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मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय, ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव की बरसेगी कृपा - mauni amawasya

मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशिर्वाद मिलता है. तो आइये जानते है पूजा करने की विधि-विधान...

मौनी अमावस्या 2021
मौनी अमावस्या 2021

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Published : Feb 11, 2021, 8:48 AM IST

Updated : Feb 11, 2021, 9:14 AM IST

पटना:11 फरवरी गुरुवार यानी की आज माघ मास की अमावस्या तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या(अमावस), माघ अमावस्या और थाई अमावसाई भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए और कुछ कार्य अवश्य करना चाहिए. मौनी अमावस्या के बहुत से नियम भी होते है. तो आइये पहले जानते हैं मौनी अमावस्या का महत्व...

व्रत रखने से आत्मबल दृढ़
मौनी शब्द की उत्पत्ति मुनि शब्द से हुई है. मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखने से व्यक्ति का आत्मबल दृढ़ होता है. मान्यताओं के अनुसार, माघी अमावस्या के दिन ही मनु का जन्म हुआ था, जिनको प्रथम पुरुष भी कहा जाता है. इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास होता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि हरिद्ववार कुंभ में पवित्र डुबकी लगाई जाएगी. इस वर्ष ग्रहों का संयोग ऐसा बन रहा है कि इसदिन के महत्व को कई गुना अधिक बढ़ा रहा है.

जानिए कब से कब तक के लिए है मौनी अमावस्या
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 10 फरवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर हो रहा है, जो 11 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक है. ऐसे में उदया तिथि 11 फरवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में मौनी अमावस्या 11 फरवरी को होगी. 11 फरवरी को ही मौनी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा. गंगा स्नान के बाद पात्र लोगों को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि दान करना चाहिए. जरूरतमंद लोगों को सर्दी के वस्त्र, कंबल आदि भी दान करना उत्तम होता है.

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पीपल के वृक्ष की जाती है पूजा
धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिनपीपल के वृक्षकी पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. कहा जाता है कि पीपल के तने में भगवान शिव, जड़ में भगवान विष्णु और अग्रभाग में ब्रह्मा जी का वास होता है. ऐसे में पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव तीनों की ही कृपा बरसती है.

पितरों के लिए करें पिंडदान
किसी भी अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करने का विधान है. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीष देते हैं.

अमावस्या पर नहीं करना चाहिए ये काम
अमावस्या पर नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करने वाले कार्यों से दूर रहना चाहिए. इस दिन रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए. उन स्थानों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जहां पर नकारात्मक ऊर्जा का खतरा बना रहता है. इस दिन कलह, विवाद और क्रोध से भी बचना चाहिए.

मौनी अमावस्या पर क्या करें-

  • इस दिन सूर्योदय से पूर्व मौन रहकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
  • भगवान विष्णु को घी दीपक का दान करना चाहिए.
  • मौनी अमावस्या के दिन तील, गुड़, अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करना चाहिए.
  • पिपल के पेड़ पर जल और मिठाई चढ़ाना चाहिए और पितरों का अर्पित करना चाहिए.
Last Updated : Feb 11, 2021, 9:14 AM IST

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