पटना:11 फरवरी गुरुवार यानी की आज माघ मास की अमावस्या तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या(अमावस), माघ अमावस्या और थाई अमावसाई भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए और कुछ कार्य अवश्य करना चाहिए. मौनी अमावस्या के बहुत से नियम भी होते है. तो आइये पहले जानते हैं मौनी अमावस्या का महत्व...
व्रत रखने से आत्मबल दृढ़
मौनी शब्द की उत्पत्ति मुनि शब्द से हुई है. मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखने से व्यक्ति का आत्मबल दृढ़ होता है. मान्यताओं के अनुसार, माघी अमावस्या के दिन ही मनु का जन्म हुआ था, जिनको प्रथम पुरुष भी कहा जाता है. इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास होता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि हरिद्ववार कुंभ में पवित्र डुबकी लगाई जाएगी. इस वर्ष ग्रहों का संयोग ऐसा बन रहा है कि इसदिन के महत्व को कई गुना अधिक बढ़ा रहा है.
जानिए कब से कब तक के लिए है मौनी अमावस्या
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 10 फरवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर हो रहा है, जो 11 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक है. ऐसे में उदया तिथि 11 फरवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में मौनी अमावस्या 11 फरवरी को होगी. 11 फरवरी को ही मौनी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा. गंगा स्नान के बाद पात्र लोगों को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि दान करना चाहिए. जरूरतमंद लोगों को सर्दी के वस्त्र, कंबल आदि भी दान करना उत्तम होता है.
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