पटना:लोक आस्था का महापर्व चैती छठ(Chaiti Chhath Pooja 2022) का अनुष्ठान 5 अप्रैल से शुरू हो रहा है. इस बीच माहे रमजान का भी पर्व शुरू हो गया है. ऐसे में इस बार मसौढ़ी में रामनवमी और माहे रमजान एक साथ मनाने का लोगों ने संकल्प लिया है. गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल (Example of Ganga Jamuni Tehzeeb) के साथ हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए मसौढ़ी स्थित सूर्य मंदिर तालाब घाट (Sun Temple Talab Ghat in Masaudhi) की साफ-सफाई करते दिखे. हाथों में झाड़ू उठाकर लोग सुबह से ही छठ घाट सफाई करते दिखे.
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गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल: इस दौरान मो. अरफराज साहिल ने कहा कि यह एक अच्छा मैसेज है. माहे रमजान के पर्व में हम सभी रोजेदार हैं. रोजा रख रहे हैं, इसके बावजूद छठ घाट की साफ सफाई कर रहे हैं, वहीं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक संदेश है, वैसे लोगों के लिए जो शांति व सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं लेकिन हम सब एक हैं और एक रहेंगे. वहीं, मकसूद रजा, छोटू इराकी समेत वहां मौजीद तमाम मुस्लिम भाइयों ने कहा कि यह मसौढ़ी के लिए गर्व की बात है कि हम सभी मिलकर एक साथ पर्व मनाते हैं.
चैती नवरात्र के दौरान नहाय-खाय: शारदीय नवरात्र की तरह ही वासंतिक नवरात्र की पूजा भी धूमधाम से की जाती है. नौ दिनों तक देवी मां दुर्गा की उपासना की जाती है तो वहीं बिहार में नवरात्रि के साथ ही चैती छठ पूजा का भी खास महत्व होता है. शारदीय पर्व कार्तिक मास की छठ पूजा की ही तरह वासंतिक चैती छठ पूजा में भी पूरे विधि-विधान से भगवान भास्कर की आराधना की जाती है और उन्हें अर्घ्य प्रदान किया जाता है.