पटना: राजधानी में बारिश बंद हुए 24 घंटे बीत चुके हैं. उसके बावजूद दियारा वासियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. मलाही, बंदा में गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण दियारा वासी अभी तक रोड पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
लोगों का कहना है कि उनका पूरा घर डुब गया है और सरकार के तरफ से सिर्फ एक टाइम का खाना दिया जाता है. जिससे किसी तरह हम लोग गुजारा कर रहे हैं. वहीं मवेशियों के लिए भी खाने की किल्लत हो गई है. वहीं कुछ दियारावासी व्यापार मंडल, प्राथमिक स्कूल में शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक गंगा का जलस्तर समान नहीं हो जाता है, तब तक वह दियारा लौट कर नहीं जाएंगे.
टेंट लगा कर रोड पर रह रहे लोग
डॉक्टर मुफ्त में दे रहे दवाई
दियारा वासियों की मांग है कि उन्हें दो वक्त का खाना और सभी को वस्त्र भी दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें एक वक्त का खाना भी ठीक से नहीं दिया जा रहा है. सरकार की तरफ से सभी दियारा वासियों को पॉलिथीन, चूड़ा और शाम के वक्त का खाना खिचड़ी के रूप में दिया जा रहा है. इसके साथ ही अस्पताल से डॉक्टर समय समय पर आकर सभी को मुफ्त में दवाइयां भी दे रहे हैं.
युद्धस्तर पर चल रहा राहत बचाव कार्य
मंगलवार से राजधानी पटना में बारिश नहीं हुई है. मौसम साफ है. लेकिन जलजमाव के कारण लोगों को काफी समस्याएं उठानी पड़ रही है. राजधानी में जलजमाव के बीच घरों में फंसे लोगों तक राहत बचाव का कार्य जारी है. इस काम में एयरफोर्स के जवान लगे हुए हैं. चॉपर के जरिए पटना के अलग-अलग इलाकों में खाद्य सामग्री गिराने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है.