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पटना में प्रदूषण से कम हो रही लोगों की उम्र, इन शहरों के लोगों का सबसे ज्यादा नुकसान

शिकागो यूनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने एयर क्वालिटी लाइव को लेकर करीब 18 साल तक बिहार के विभिन्न जगहों पर हवा की क्वालिटी का एनालिसिस किया. इस एनालिसिस में बिहार के बड़े शहरों के साथ शिवहर, गोपालगंज, सारण और मुजफ्फरपुर समेत कई छोटे शहर भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में सबसे खराब श्रेणी में शामिल पाए गए.

अशोक कुमार घोष

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Published : Nov 7, 2019, 2:09 PM IST

पटनाः बिहार के कई शहर प्रदूषण की समस्या से इतने ज्यादा ग्रसित हो चुके हैं कि अब उन शहरों में रहने वाले लोगों की आयु कम हो रही है. यह खुलासा हुआ है हाल में जारी एक रिपोर्ट से. इसके बाद एक बार फिर प्रदूषण को लेकर सबके कान खड़े हो गए हैं. पेश है पटना से एक खास रिपोर्ट...

कई जिलों में भी बढ़ा प्रदूषण
शिकागो यूनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने एयर क्वालिटी लाइव को लेकर करीब 18 साल तक बिहार के विभिन्न जगहों पर हवा की क्वालिटी का एनालिसिस किया. इस एनालिसिस में बिहार के बड़े शहरों के साथ शिवहर, गोपालगंज, सारण और मुजफ्फरपुर समेत कई छोटे शहर भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में सबसे खराब श्रेणी में शामिल पाए गए. इनमें सबसे ज्यादा प्रदूषण सिवान में मिला, जहां लोगों की आयु प्रदूषण के कारण 9 साल तक कम होने की आशंका है.

मास्क लगाकर लोगों को जागरूक करते लोग

बिहार में 6.9 साल तक कम हो चुकी है उम्र
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के मुताबिक एयर क्वालिटी की अगर बात करें तो इस मामले में पटना के लोगों की आयु 7.7 वर्ष तक कम हो गई है. जबकि पूरे बिहार की अगर बात करें तो औसत रूप से बिहार के लोगों की आयु प्रदूषण के कारण 6.9 साल तक कम हो चुकी है.

ज्यादा समय तक बाहर रहने पर होगा अधिक असर
हालांकि बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष इस एनालिसिस से संतुष्ट नहीं दिखते. ईटीवी भारत से एकस्क्लुसिव बातचीत में डॉ अशोक कुमार घोष ने कहा यह जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को एक ही जगह एक ही स्थिति में रखकर देखा जाए. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का प्रदूषण से एक्सपोजर एक समान नहीं है.

बयान देते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष

'हर व्यक्ति की कम नहीं होगी आयु'
अशोक कुमार घोष ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति ऑफिस में काम करता है और महज कुछ देर ही बाहर रहता है तो उसका इंपैक्ट अलग होगा. वहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी चौराहे पर दुकान लगाकर बिजनेस कर रहा है, तो जाहिर तौर पर प्रदूषण का प्रभाव उस पर ज्यादा रहेगा. रिपोर्ट से यह साबित नहीं होता कि हर व्यक्ति पर प्रदूषण का बराबर प्रभाव पड़ेगा और हर व्यक्ति की आयु कम हो जाएगी.

पटना में प्रदूषण पर स्पेशल रिपोर्ट

प्रदूषण पर रोक लगाने की कवायद तेज
बता दें कि प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के परिचालन पर बैन लगा दिया है. पुराने वाहनों का सरकारी कार्यों में इस्तेमाल नहीं होगा. पर्यावरण के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि प्रदेश में प्लास्टिक और कचरे के जलाने पर भी सख्ती से रोक लगाई जाएगी. उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु प्रदूषण रोकने के लिए गंगा किनारे और पटना शहर के आसपास के सभी ईंट-भट्ठों पर नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया.

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