पटना: पूरे बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का प्रकोप देखा जा रहा है. खास कर राजधानी पटना से बहने वाली गंगा नदी का जलस्तर (Water Level of Ganga) भी इन दिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. दियारा इलाके (Diara Area) पानी में डूब चुके हैं. बाढ़ पीड़ित राहत शिविर (Bihar Flood Relief Camp) में रह रहे हैं. ऐसे में पटना के लॉ कॉलेज घाट (Law College Ghat) पर बने बाढ़ राहत शिविर का ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने जायजा लिया.
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शिविरों की व्यवस्थाओं के बारे में जब लोगों की प्रतिक्रिया ली गई तो कुछ ने तारीफ की तो कुछ असंतुष्ट भी नजर आए. दियारा इलाके के लोगों ने पटना के कई घाटों पर बाढ़ राहत कैंप में शरण ले रखा है. इन लोगों के लिए पटना जिला प्रशासन ने घाटों पर जिस तरह की व्यवस्था की है उसकी जमकर तारीफ करते बाढ़ पीड़ित नजर आए.
दियारा की स्थिति बहुत खराब है. घर में पानी भर गया. रहने की व्यवस्था नहीं थी. लॉ कॉलेज घाट पर बने बाढ़ राहत शिविर में आकर लोगों ने शरण ली है. सरकार की तरफ से हर तरह की व्यवस्था की गई है.-रामजतन यादव, दियारा निवासी
राजधानी के लॉ कॉलेज घाट पर बने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों ने बताया कि इस कैंप में रहने, खाने के साथ-साथ मेडिकल की सुविधा भी मुकम्मल है. महिलाओं के लिए यहां अलग से चेंजिंग रूम बनाया गया है तो महिलाओं के सोने के लिए अलग कैंप का निर्माण भी किया गया है.
खाने पीने की व्यवस्था है. हम यहां 10 दिनों से हैं. दियारा में हर तरफ पानी ही पानी है. ऐसे में यहां पर आराम से रहने की मुक्कमल इंतजाम किए गए हैं.-राजकुमार यादव,दियारा निवासी
मेडिकल की व्यवस्था की गई है. पशुओं के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. उनके लिए भी यहां मेडिकल की व्यवस्था है.-सोनू यादव,दियारा निवासी
यहां पशुओं के लिए चिकित्सा व्यवस्था के साथ-साथ चारे की व्यवस्था की गई है. इस राहत कैंप में मौजूद बाढ़ पीड़ित कहते हैं कि एक जानवर कम से कम एक टाइम में 10 किलो चारा खाता है पर सरकार की ओर से अभी 3 से 4 किलो चारा दिया जा रहा है. जिससे पशुओं को चारा देने के लिए चारा आपूर्ति के लिए बाहर से चारा खरीद कर उन्हें देने का कार्य पशुपालक कर रहे हैं.
पशुओं को कम से कम 20 किलो चारा चाहिए लेकिन फिलहाल 5 किलो चारा दिया जा रहा है.-शम्भू यादव,पशुपालक
यहां बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है. बाढ़ पीड़ितों को अच्छी से अच्छी व्यवस्था दी जा रही है. खाना समय पर दिया जा रहा है. पशुओं के लिए चारा दिया जा रहा है. कोई असुविधा न हो लोगों को इस बात का ध्यान रखा जा रहा है. इस कैंप में लगभग 300 से 350 लोग हैं.-गोपाल प्रसाद, पटना जिला प्रशासन पदाधिकारी
बता दें कि पिछले एक हफ्ते से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. गंगा के खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से दियारा के निचले व तटवर्तीय इलाके जलमग्न हो गये हैं. पटना के साथ ही इलाहाबाद, बनारस और बक्सर में भी गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है. फिलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन अपने स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटा है.
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी जिले के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. बाढ़ को लेकर 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम भी पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं. एनडीआरएफ कमांडेंट विजय सिन्हा अपने अधिकारियों और बचाव कर्मियों के साथ खुद बैठक करने में लगे हुए हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात एनडीआरएफ के कर्मियों के साथ लगातार संपर्क में भी हैं.
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