पटना:पीएचईडी विभाग ने गर्मी के दिनों में जल संकट को देखते हुए जनवरी माह में ही समीक्षा बैठक करके खराब या बंद पड़े चापाकलों को ठीक कराने का आदेश दिया था. दावा किया गया था कि गर्मी से पहले मरम्मत का काम पूरा कर लिया जायेगा
ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी पटना में कई गली-मोहल्लों में सरकार के इस दावे की सच्चाई जानने का प्रयास किया. इस दौरान हमारे संवाददाता ने पाया कि विभाग कागजों पर तो खूब दावे करती है लेकिन हकीकत में कुछ होता दिखता नजर नहीं आ रहा है.
लंबे समय से खराब पड़े हैं चापाकल
राजधानी पटना के कुर्जी नाला के पास राजापुर पुल, मंदिरी, गोरियामठ के इलाकों में पाया गया कि गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद भी खराब चापकलों को सुधारा नहीं जा सका है. हमारे संवाददाता ने कई चापाकलों को खुद चला कर देखा. कई चापाकल खराब पाये गये, पानी नहीं आ रहा था. कुछ चापाकलों से पानी तो आ रहे हैं, वह पीने लायक नहीं है. सरकार का दावा है कि वह पेयजल मुहैया कराने को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.