पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव आखिरी दौर में है. सरकार लगातार विकास का दावा करके जनता से वोट की अपील कर रही है. सरकार के इन दावों को धनरूआ थाना क्षेत्र का नदवां स्वास्थ्य उपकेंद्र आईना दिखा रहा है. यह उपकेंद्र 25 सालों से किराये के एक जर्जर मकान मे चल रहा है. यहां मरीज कम और जानवर ज्यादा बंधे दिखते हैं.
लोगों को नहीं मिल रहा उपकेंद्र का लाभ
मसौढी का नदवां पंचायत राजधानी पटना से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नदवां स्वास्थ्य उपकेंद्र में व्यवस्था के नाम पर टूटी-फूटी आलमारी और जर्जर मकान है. सप्ताह में एक दिन थोड़ी देर के लिए एक एएनएम यहां आती है. इससे स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
जर्जर मकान में चल रहा उपकेंद्र
नदवां स्वास्थ्य उपकेंद्र कई सालों से एक जर्जर मकान में चल रहा है. इसकी जांच के लिए कोई सरकारी अधिकारी तक नहीं आते हैं.
स्वास्थ्य केंद्र में बंधा पशु हमने जमीन का ब्यौरा देकर नदवां में अस्पताल बनाने की की मांग की है, लेकिन आज तक वह आवेदन सरकारी बाबुओं की फाइलों मे धूल फांकती नजर आ रही है.- ग्रामीण
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण गांव के लोगों को बेहतर इलाज के लिए पटना का रूख करना पड़ता है. इससे काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि अगर इस ओर अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो अब हम आंदोलन करेंगे. उपकेंद्र की हालत सरकार के दावों को खोखला साबित कर रही है.