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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से बिगड़ रहा लोगों का बजट, सता रही घर चलाने की चिंता - धरना प्रदर्शन

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से आम जनता की जेब पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है. इससे लोगों में वर्तमान सरकार को लेकर भी नाराजगी बढ़ गई है.

hike in petrol and diesel prices
hike in petrol and diesel prices

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Published : Feb 16, 2021, 12:25 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 3:05 PM IST

पटनाः देशभर में इन दिनों पेट्रोल डीजल के कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. हर दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. इसी कड़ी में पटना मेंपेट्रोल और डीजल की कीमतों ने नया कीर्तिमान बनाया है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आसमान छूती तेल कीमतों से जनता भी परेशान है. मंगलवार को हुई बढ़ोतरी के बाद, पेट्रोल की कीमत 91.67 पैसा प्रति लीटर और डीजल की कीमत 84.92 पैसा प्रति लीटर हो गई है.

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पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से नाराज लोग
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों के बीच सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि जब 2014 के पहले कांग्रेस की सरकार थी तो उस समय 72 रूपये कुछ पैसा पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि हुई थी. इसे लेकर उस समय विपक्ष में रही बीजेपी की सरकार ने सड़कों पर धरना प्रदर्शन किया था. लेकिन आज खुद उनकी सरकार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं.

पेट्रोल पंप पर ग्राहक

"पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से हमलोगों के पॉकेट पर मार पड़ रही है. इसके साथ ही इसका असर घर के बजट पर भी पड़ रहा है. हमारे सामने अब समस्या है कि हमलोग पेट्रोल का बजट या घर का बजट मेंटेन करे. मोदी सरकार जो वादा करके सत्ता में आई थी वह नहीं निभा रही है "- रवि प्रकाश, स्थानीय

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"सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में हो रही वृद्धि पर लगाम नहीं लगा पा रही है. महंगाई के लगातार बढ़ने से आम लोगों का जीना अब दुश्वार हो गया है. सभी चीजों की कीमत में वृद्धि हो गई है. इससे घर चलाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है."- प्रकाश प्रजापति, स्थानीय

डीजल की कीमत में बढ़ोतरी

वैश्विक बाजारों में आई तेजी से प्रभावित हुई कीमत
जानकार की मानें तो वैश्विक बाजारों में आई तेजी से कीमत प्रभावित हुई है. इसके साथ ही राज्यस्तरीय करों को मिला कर ईंधन की खुदरा कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रहा है, जिसका सीधा असर खुदरा ईंधन की बिक्री पर भी पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. यही कारण है कि घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल का भाव महंगा हो गया है.

कई बार हुई पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि
बता दें कि इसके पहले पेट्रोल की कीमत 4 अक्टूबर 2018 को 90.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 5 फरवरी 2021 को 82.29 रुपये प्रति लीटर सर्वाधिक महंगा होने का रिकॉर्ड था. 10 फरवरी को पटना में पेट्रोल की कीमत 90.01 रुपये प्रतिलीटर थी. जो 11 फरवरी को बढ़कर 90.25 रुपये प्रतिलीटर और 12 फरवरी को बढ़कर 90.55 रुपये प्रतिलीटर हो गयी. बीते पन्द्रह दिनों में पेट्रोल की कीमत में 1.77 रुपये और डीजल की कीमतों में 1.93 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है.

इन मानकों से तय होती है कीमत
पेट्रोल और डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है. इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं. डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले उपभोक्ताओं को खुदरा कीमतों पर लगने वाले विभिन्न कर और अपने मार्जिन को जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं. केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.9 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 31.80 रुपये उत्पाद शुल्क लगा रही है. ऐसे में आम लोगों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही वृद्धि से अब लगता है पैदल ही चलना होगा.

Last Updated : Feb 16, 2021, 3:05 PM IST

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