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पटना नगर निगम का दावा फेल, रिहायशी इलाकों में ही उड़ रही 'ओडीएफ फ्री' की धज्जियां - हड़ताली मोड़ के पास गंदगी

पटना नगर निगम को ओडीएफ प्लस का तगमा मिल गया है. लेकिन इस दावे को शहर का रिहायशी इलाका ही झूठा साबित कर रहा है. लोग अभी भी खुले में शौच को मजबूर हैं. जबकि ऐसे इलाकों के पास ही कई बड़े नेता और अधिकारियों का आवास भी है.

ताला बंद शौचालय सिर्फ लोगों को दिखाने के काम आ रहा है
ताला बंद शौचालय सिर्फ लोगों को दिखाने के काम आ रहा है

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Published : Jan 25, 2021, 4:23 PM IST

पटना: पटना नगर निगम ओडीएफ फ्री हो चुका है. यह दावा करते हुए पटना नगर निगम ने भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय में आवेदन दिया. आवेदन के जवाब में शहर को ओडीएफ प्लस का तगमा भी मिल गया. लेकिन इस दावे की सच्चाई कुछ और ही है. शहर में हड़ताली मोड़ जैसे रिहायशी इलाके में ही यह दावा फेल होता साबित हो रहा है.

हार्डिंग रोड, चितकोहरा ब्रिज के नीचे का स्लम एरिया ही क्यों ना ले लीजिए. हर जगह आपको सुबह लोग खुले में शौच करते मिल जाएंगे. ऐसे में झूठे दावे का क्या फायदा.

चितकोहरा के पास फुटपाथ में गंदगी

स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंक सुधारने की है तैयारी
पिछले कुछ सप्ताह से निगम साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान दे रही है. इसका फायदा भी शहर में दिख रहा है. लेकिन कुछ इलाकों को छोड़ कर. बता दें कि पटना को ओडीएफ फ्री का सर्टिफिकेट तो मिल गया. अब गार्बेज फ्री सर्टिफिकेट लेने की तैयारी में निगम जुटी है. ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान रैंकिंग में सुधार आ सके.

ताला बंद शौचालय सिर्फ लोगों को दिखाने के काम आ रहा है

पटना को दिसंबर 2020 के प्रभाव से ओडीएफ प्लस का टैग मिला है. जानकारी देते चलें कि ओडीएफ फ्री का तगमा तभी मिलता है, जब शहर में कोई भी, किसी भी जगह खुले में शौच ना करे.

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निगम के सारे दावे झूठे
पटना शहर कितना शौच मुक्त है? यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम शहर के विभिन्न इलाकों में गई. कई जगहों पर निगम का दावा फेल साबित हुआ. टीम सबसे पहले बेली रोड के हड़ताली चौक इलाके में गई. लोग खुले में शोच को मजबूर दिखे. अब वीआईपी इलाकों की बात करते हैं. हार्डिंग रोड इलाके के चितकोहरा ब्रिज के पास टीम पहुंची. ब्रिज के ठीक नीचे स्लम बस्ती का हाल थोड़ा विचलित कर देने वाला था.

पटना नगर निगम

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स्लम एरिया के लोगों की मजबूरी

स्लम एरिया के लोग खुले में शौच को मजबूर हैं. सुबह शाम लोग यहां सड़क किनारे ही शौच कर रहे हैं. यह इलाका नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल कार्यालय के अंतर्गत आता है. इन इलाके में निगम द्वारा शौचालय तो बनाया गया है. लेकिन शौचालय की संख्या कम होने की वजह से लोग सड़कों पर ही शौच कर रहे हैं. हालांकि यह भी मानने की बात है कि निगम ने ऐसे ही कई इलाकों में शौचालय का भी निर्माण कराया है. लेकिन इसमें ज्यादा वक्त तक ताला ही लटका रहता है.

देखें रिपोर्ट

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हम नहीं दिखा सकते गंदगी की तस्वीर
पटना में इन इलाकों में सड़क किनारे फैली गंदगी की साफ तस्वीर ईटीवी भारत आपको नहीं दिखा सकता. गंदगी इतनी ज्यादा है कि आप मुंह मोड़ लें. बस इतनी जानकारी दें कि गंदगी और बदबू के कारण ईटीवी भारत की टीम उन इलाकों में ज्यादा देर तक रुक नहीं सकी. बता दें कि इस इलाके में कई दिग्गज नेताओं का घर भी एक से दो किलोमीटर के दायरे में ही है. वहीं पटना एयरपोर्ट, पटना चीड़ियाघर भी इसी दायरे में है.

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कहीं छिन ना जाए ओडीएफ प्लस
बहरहाल, भारत सरकार ने पटना शहर को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया है. जिससे पटना नगर निगम के अधिकारी काफी उत्साहित भी हैं. पटना शहर को गार्बेज फ्री सिटी का दर्जा दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. मगर वीआईपी इलाके की जो स्थिति है, उससे ऐसा लग रहा है कि कहीं ओडीएफ प्लस सिटी का दर्जा ही पटना से ना छिन जाए. जब स्वच्छता सर्वेक्षण होनी रहती है और टीम आती है, तब पटना में साफ-सफाई पर विशेष अभियान चलता है. मगर इसके बाद यह स्वच्छता कायम नहीं रह पाता.

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