पटना:राजधानी के पटना सिटी स्थित मां दुर्गा की शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी का खास महत्व है. इस मंदिर का निर्माण मां शती का दक्षिण जांघ यहां की धरती पर गिरने के कारण हुआ है. उसी समय से इस मंदिर का नाम नगर रक्षिका पटनेश्वरी यानी बड़ी पटनदेवी पड़ा.
शारदीय नवरात्रा में यहां पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दुर्गा पूजा के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. वहीं, सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन भी काफी चौकस है. इस जगह की कुछ खास विशेषताएं हैं. यहां पर मां काली, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी तीनों विराजमान हैं.
इस शक्तिपीठ में होती है दो विधियों से पूजन
वैसे तो इस मंदिर में सालों भर पूजा की जाती है. लेकिन नवरात्र का एक अलग ही महत्व है. यहां लाखों श्रद्धालु माता पटनेश्वरी के दर्शन करते हैं. इस शक्तिपीठ में दो विधियों से मां दुर्गा की पूजा अर्चना होती है. एक तंत्र-मंत्र विधि से और दूसरा वैदिक विधि से पूजा की जाती है. जहां तांत्रिक विधि की पूजा गुप्त रूप से होती है. वहीं, वैदिक पूजा सामूहिक रुप से की जाती है.
बड़ी पटनदेवी मंदिर में उपस्थित भीड़ माता के 51 शक्तिपीठ में एक है यह शक्तिपीठ
इस मंदिर के महन्थ विजय शंकर गिरी ने बताया कि पूरे विश्व में माता के 51 शक्तिपीठ हैं. जिनमें बड़ी पटनदेवी मन्दिर में मां शती का सुदर्शन चक्र से कटकर शरीर का अंग दक्षिण जंघा इस जमीन पर गिरा था. इसीलिए इसे शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. मां पटनेश्वरी के ही नाम से यह बिहार की राजधानी का नाम पटना पड़ा है. माता पटनेश्वरी के प्रादुर्भाव से इस राजधानी में कोई महामारी नहीं होती है. मां के विराजमान होने से इस क्षेत्र में बुरी शक्तियां नहीं आ सकती है.
मंदिर के महन्थ से ईटीवी भारत के संवाददाता की खास बातचीत सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट
शारदीय नवरात्रा को लेकर इस मंदिर में प्रसाशन की ओर से सुरक्षा के उपाय किये गए हैं. मेले के दौरान बदमाशों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं, महिला और पुरुष पुलिस की तैनाती की गई है. दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालुओ की कोई कठिनाई न हो इसको लेकर प्रसाशन काफी अलर्ट है.