पटना : बिहार में अपराध की दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम (crime rate in Bihar is much lower than the national average) है राष्ट्रीय औसत दर में बिहार का सातवां स्थान है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau report) यानी एनसीआरबी की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के लिहाज से वर्ष 2021 में हत्या के सबसे अधिक 3717 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं, बिहार में हत्या के 2799 मामले दर्ज हुए और ये दूसरे पायदान पर है. महाराष्ट्र तीसरे मध्यप्रदेश चौथे और पश्चिम बंगल पांचवें स्थान पर है. वैसे दुष्कर्म और एटीएम फ्रॉड मामले में पटना देश में पहले स्थान पर है.
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लगातार तीसरे साल भी नंबर वन :एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 महानगरों में वर्ष 2021 में हुए अपराध के आंकड़ों के अनुसार पटना तीसरे साल भी एटीएम फ्रॉड में टॉप पर रहा है. पटना में 125 मामले दर्ज किए गए हैं. किडनैपिंग के मामले में पटना आठवें स्थान पर है जबकि दिल्ली टॉप पर है. हत्या के मामले में पटना 12वें स्थान पर है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म मामले में पटना सर्वोच्च स्थान पर है. चोरी के मामले में पटना पांचवें पायदान पर है. एनसीईआरटी के रिकॉर्ड के अनुसार, डकैती और धोखाधड़ी के मामले में पटना आठवें स्थान पर है.
देश में हत्या के मामले
उत्तर प्रदेश : 3717
बिहार : 2799
महाराष्ट्र : 2330
मध्य प्रदेश : 2034
पश्चिम बंगाल : 1884
भूमि विवाद के मामले में भी देश में अव्वल : एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, चोरी के मामलों में बिहार तीसरे स्थान पर है. साल 2021 में चोरी के कुल 38 हजार 277 मामले दर्ज किए गए हैं. जमीन से जुड़े मामले में बिहार नंबर वन पर है. सबसे अधिक 3436 मामले बिहार में दर्ज हुए हैं. यही नहीं, बिहार पुलिस पर हमले में सबसे आगे है. देश में जमीन के लिए सबसे अधिक झगड़ा फसाद बिहार में होता है. इसके अलावा पारिवारिक विवाद के मामले में भी बिहार देश में सबसे आगे है. ओवरऑल यानी कुल मिलाकर अपराध के मामले में बिहार सातवें स्थान पर है.
भूमि विवाद के मामले
बिहार : 3336
महाराष्ट्र : 1259
कर्नाटक : 1227