पटना:बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में PFI संगठन से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद नए-नए खुलासे सामने आ रहे है. इस बीच, पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों (Patna SSP Manavjit Singh Dhillon) ने फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif PFI Terror Module) मामले और गजवा-ए-हिंद मामले में बिहार पुलिस मुख्यालय को एक पत्र लिखा है.
ये भी पढ़ें:खुलासे के बाद भी बिहार में PFI पर नहीं लगा बैन, JDU मंत्रियों में भी विरोधाभास
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने लिखा पत्र: बताया जाता है कि इस पत्र में पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो (Patna SSP Manavjit Singh Dhillon) ने एडीजी मुख्यालय जीतेन्द्र सिंह गंगवार को चिठ्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अनुरोध किया है कि पीएफआई से जुड़े संदिग्धों और जगवा-ए-हिंद ग्रुप से जुड़े मामलों की जांच एटीएस ही करे. ऐसे में अगर डीजीपी से सहमति मिलती है तो दोनों मामलों को जांच बिहार एटीएस करेगी. बता दें कि दोनों मामले की जांच की कमान अभी पटना पुलिस के पास है. वहीं, एटीएस, आईबी और एनआईए इस जांच में सहयोग कर रही है. दरअसल, बिहार पुलिस ने पाया था कि पीएफआई सदस्यों के प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध थे. बिहार पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और इस मामले में करीब 26 संदिग्धों की पहचान की है.
फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल: 26 संदिग्धों की पहचान के बाद पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया था. उनके कहने पर तीन और संदिग्ध मरगूब दानिश, अरमान मलील और शब्बीर को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, वे कथित तौर पर एक मॉड्यूल चला रहे थे और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे. परवेज सिमी का सदस्य बताया जाता है और युवाओं को ट्रेनिंग देता था. परवेज के भाई मंजर आलम को पटना के गांधी मैदान बम विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जो 2013 में मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था.
मोहम्मद जलालुद्दीन भी सिमी का सदस्य बताया जाता है. पुलिस ने दावा किया है कि उसने रैली के दौरान आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी. पुलिस ने जलालुद्दीन और परवेज के पास से ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जिनमें लिखा है कि वे 2047 तक भारत को इस्लामिक राज्य बना देंगे. पुलिस के मुताबिक, युवकों को फिजिकल ट्रेनिंग दिलाने के बहाने पटना में उनका ब्रेनवॉश कर रहे थे.
इस मामले में पटना पुलिस ने मरगुब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को 48 घंटे की रिमांड पर लिया है. रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ताहिर से कड़ाई से पूछताछ कर रही है. इसके लिए पटना पुलिस और एटीएस ने सवालों की लंबी लिस्ट तैयार कर रखी है. वहीं, एनआईए भी गिरफ्तार ताहिर से पूछताछ करेगी. ताहिर गजवा-ए-हिन्द और अन्य कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ा है.
गजवा-ए-हिंद का सोशल मीडिया प्रमुख मरगुब अहमद दानिश उर्फ ताहिर Ghazwa e Hind) फुलवारीशरीफ का रहनेवाला है. 2006-2020 तक वो दुबई में काम करता था. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो के मुताबिक उसका फोन नंबर इंटरसेप्ट किया गया, जिसमें राष्ट्रविरोधी कंटेंट पाया गया. फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि मर्गुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेने की मांग की गई थी, कोर्ट ने हमें 48 घंटे की रिमांड दी. उसके नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी, खासकर उन अंतरराष्ट्रीय लोगों के बारे में जो इसमें शामिल हो सकते हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बिहार के फुलवारी शरीफ टेरर माड्यूल मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) रोकथाम का मामला दर्ज (ED investigate in Phulwari Sharif Terror Module) किया, जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री के साथ पाया गया था, जो भारत को 2047 तक एक इस्लामिक राज्य बनाने का संकेत देता है. ईडी ने बिहार पुलिस से दस्तावेज ले लिए हैं. केंद्रीय एजेंसी पीएफआई की फंडिंग की जांच करेगी.
ये भी पढ़ेंःआतंकवादी संगठन PFI पर बैन लगाए बिहार सरकार: सुशील मोदी