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पटना : टेंडर के चक्कर में फंसे व्यवसायी, 2 साल बाद भी नहीं मिला ठिकाना - पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

पटना नगर निगम के टेंडर खेल धीरे-धीरे अब सामने आने लगा है. दरअसल, निगम ने पुराने अधिकारियों की ओर से दिए गए टेंडर को अब रद्द किया जा रहा है. साथ ही नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

निगम ने हटाया अतिक्रमण

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Published : Sep 9, 2019, 2:11 PM IST

पटना: राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने का जिम्मा अब पटना नगर निगम के मत्थे है. इस कार्य का भार जब से नगर निगम को मिला है तब से इसमें ग्रहण लगता दिख रहा है. निगम ने मॉल, मल्टी लेवल पार्किंग और मल्टीप्लेक्स निर्माण की बात कहकर जंक्शन के आसपास के इलाकों में बुल्डोजर तो चला दिया. लेकिन, इस कार्य में अब रुकावट आ गई है.

जक्शंन के आसपास हटाया गया अतिक्रमण

निगम का टेंडर खेल धीरे-धीरे अब सामने आने लगा है. दरअसल, निगम ने पुराने अधिकारियों की ओर से दिए गए टेंडर को अब रद्द किया जा रहा है. साथ ही नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. स्मार्ट सिटी के लिए तोड़े गए दुकानों को कहीं और शिफ्ट किया जाना था. लेकिन, अब इसका टेंडर ही कैंसिल हो गया है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

211 करोड़ का है प्रोजेक्ट
बता दें कि पटना जंक्शन के आसपास दूध मार्केट और बकरी बाजार को तोड़कर मल्टीप्लेक्स बनाने की योजना है. जिसकी लागत 211 करोड़ की है. करीब 16 एकड़ भू-भाग में काम होना है. इस कार्य के लिए सैकड़ों दुकानें तोड़ी गई. इन दुकानदारों को दो साल पहले नया विकल्प भी मुहैया कराने की बात हुई थी. लेकिन, जब यह प्रभार पटना के कमिश्नर आनंद किशोर के पास पहुंचा तो उन्होंने इसका टेंडर ही रद्द कर दिया.

निगम का टेंडर

दीवारों के मेंटेनेंस का टेंडर भी अधर में
गौरतलब है कि यह टेंडर पहले उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को मिला था. अब इसमें आगे क्या होगा इसकी अबतक कोई जानकारी नहीं है. इसी तरह पटना को खूबसूरत बनाने के लिए सभी सरकारी दीवारों पर मिथिला पेंटिंग, टिकलु पेंटिंग आदि से आर्ट बनाए जा रहे थे. जिसके मेंटेनेंस के लिए 36 फर्मों को टेंडर दिया गया था. लेकिन, अब इस टेंडर को भी रद्द कर दिया गया है.

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