पटना: गांधी मैदान में चल रहे पटना पुस्तक मेले में लोगों को बाइस्कोप काफी आकर्षित कर रहा है. इसका पूरा श्रेय रूपाली राज को जाता है. स्टार्टअप के रूप में रूपाली ने बाइस्कोप का बिजनेस शुरू किया था.
बाइस्कोप से रूपाली कराती हैं लोगों को रुबरू: रूपाली कहती हैं कि लॉकडाउन के समय उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर कुछ नया काम करने का सोचा. अचानक उन्हें बाइस्कोप का ख्याल आया. रूपाली ने बाइस्कोप के बारे में काफी रिसर्च किया और जैसे ही लॉकडाउन खत्म हुआ उन्होंने बाइस्कोप का बिजनेस शुरू किया. इसके लिए रूपाली ने 10 बाइस्कॉप के सेटअप कोयंबटूर से मंगवाए.
"लॉकडाउन के समय लोग पुराने दौर को याद कर रहे थे और रामायण महाभारत भी लोगों द्वारा खूब पसंद की जा रही थी. इस समय कुछ स्टार्टअप करने का मन कर रहा था. इसी दौरान बाइस्कोप का ख्याल मेरे जेहन में आया. मेरे पति अमृतराज ने इसमें मेरी पूरी मदद की. विभिन्न फोटो की श्रृंखला के रील तैयार किये और उसे फोटो श्रृंखला को बताने के लिए म्यूजिक तैयार कराया."-रूपाली राज, बाइस्कोप संचालिका
'दर्जनों की संख्या में बायोस्कोप मशीन तैयार': रूपाली ने आगे बताया कि इसके बाद उन्होंने दर्जनों की संख्या में बायोस्कोप मशीन तैयार कराया. अब विभिन्न आयोजनों में विभिन्न जगहों पर वह अपनी मशीन को ले जाती हैं. बाइस्कोप के माध्यम से बच्चों को उनके इतिहास से चलचित्र दिखाते हुए रूबरू भी कराया जाता है. रूपाली राज ने बताया कि इसके अलावा कई लोग अपने शादी के पुराने एल्बम को बाइस्कोप के माध्यम से देखना पसंद करते हैं.
कैसे काम करता है बाइस्कोप: डिजिटल युग के तकनीकी दौर से पहले किसी जमाने में फिल्मों की प्रदर्शनी बाइस्कोप के माध्यम से ही की जाती थी. बाइस्कोप एक लकड़ी का बक्सा होता है जिसमें कई छिद्र होते हैं. इसमें लेंस लगे होते हैं और उसके भीतर एक रील चल रहा होता है. बाहर से एक व्यक्ति इस रील को घूमाते रहता है और म्यूजिक बजते रहता है. इसी तरह बाइस्कोप में हम दृश्य का आनंद लेते हैं.