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पटना में बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं, 6 महीने में 190 हादसों में 95 लोगों की गई जान

पटना में सड़क दुर्घटनाएं (Road accidents in Patna) लगातार बढ़ रही हैं. पिछले 6 महीने में 190 सड़क हादसे हुए हैं जिनमें 95 लोगों की जान जा चुकी है. 110 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

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Published : Jul 14, 2022, 7:35 PM IST

जितेंद्र सिंह गंगवार एडीजी पुलिस मुख्यालय
जितेंद्र सिंह गंगवार एडीजी पुलिस मुख्यालय

पटना:राजधानी पटना में ट्रैफिक जाम की समस्या (traffic jam problem in patna) से छुटकारा दिलाने और लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार पटना के एक-एक पुल को दूसरे पुल से जोड़ने की कवायद कर रही है. इन दिनों प्रदेश की राजधानी पटना सड़क दुर्घटना (Road accidents Patna) के लिए हॉटस्पॉट बनी हुई है. राजधानी पटना का अटल पथ, गंगा पथ, एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.

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ज्यादातर मामलों में दुर्घटना का कारण तेज गति से वाहन चलाना :आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 6 महीने में अब तक के 190 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें करीबन 95 लोगों की मौत असमय हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन यह लापरवाही के वाहन चलाना माना जा रहा है। सड़कों पर वाहन चलाने के दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन मौत को दावत देता है. पिछले 6 महीने की बात करें तो पटना में 190 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें 95 लोगों की जान जा चुकी है जबकि इन दुर्घटनाओं में 110 लोगों से ज्यादा बुरी तरह घायल हुए हैं. ज्यादातर मामलों में दुर्घटना का कारण तेज गति या लापरवाही से वाहन चलाना रहा है.

अटल पथ, बेली रोड और दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड ज्यादा संवेदनशील : पिछले कुछ वर्षों में पटना में कई हाई वे और सड़कों का निर्माण कराया गया है, इससे वाहन चालकों को आवागमन में सुविधा हुई है. हालांकि, तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हाल के समय में बाईपास अटल पथ और बेली रोड और दीघा- एम्स एलिवेटेड रोड पर कई सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, वाहनों की टक्कर में कई लोग असमय काल के गाल में चले गए हैं वहीं कई लोग अपंग हो गए हैं. लगातार हो रहे एक्सीडेंट के बावजूद इन सड़कों पर पेट्रोलिंग वाहन नहीं चलते दिख रहे हैं. जिसके कारण है कि बाइकर्स गैंग लगातार इन सड़कों पर तेज गति से वाहन या स्टंट करते नजर आते रहते हैं.

जून में हुई हैं सर्वाधिक 130 दुर्घटनाएं : आंकड़ों की बात करें तो साल 2022 के जनवरी महीने में 35 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 24 लोग घायल हुए थे. फरवरी महीने में 34 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई. मार्च में 24 दुर्घटनाएं जिसमें 7 लोगों की मौत हुई और 16 लोग घायल हुए. अप्रैल में 24 दुर्घटनाओं में 16 लोगों की मृत्यु हुई 7 लोग घायल हुए. मई में 38 दुर्घटनाओं में 15 की मौत हुई और 31 लोग घायल हुए. जून में दुर्घटनाओं का यह आंकड़ा बढ़कर 130 पहुंच गया जिसमें 17 लोगों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए हैं.हाल के दिनों में ही राजधानी पटना के गंगा पथ पर 40 वर्षीय महिला की रोड क्रॉस करते समय तेज गति से आ रहे बाइक की चपेट में आने से मौत हो गई, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था.

यातायात नियम का पालन नहीं करते ज्यादातर वाहन चालक : ट्रैफिक का कमान संभाल चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रांतोष कुमार दास की मानें तो गांधी मैदान, सगुना मोड़, बाईपास थाना क्षेत्र का इलाका सड़क दुर्घटना की दृष्टि सबसे ज्यादा संवेदनशील है. ज्यादातर वाहन चालक हाईवे पर यातायात नियम का पालन नहीं करते हैं . तय सीमा से ज्यादा तेज गति से वाहन चलाते हैं,उनकी लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के तर्ज पर राजधानी पटना में अटल पथ, गंगा पथ, बेली रोड और एम्स- दीघा एलिवेटेड रोड पर स्पीड कंट्रोलर लगाना चाहिए ताकि तेज गति से चल रहे वाहनों का चालान खुद से कट सके. उन्होंने बताया कि बिहार ही नहीं देश में बन रही सड़कों पर सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा जाता है, जिसके कारण लगातार एक्सीडेंट जैसी घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने बताया कि दीघा से लेकर हड़ताली मोड़ तक बने अटल पथ पर लोगों को इस तरफ से उस तरफ जाने के लिए अंडर पास नहीं है, जिसकी वजह से लोग रेलिंग को पार कर जाना पसंद करते हैं. यही कारण है कि एक्सीडेंट होता है.

सेफ्टी को लेकर साइन बोर्ड लगाना बेहद जरूरी :उन्होंने बताया कि रोड एक्सीडेंट में वृद्धि के बाद दीघा से लेकर आर ब्लॉक के बीच में पैदल यात्रियों के लिए दो पुल का निर्माण कराया गया है, जिसमें से एक से अभी आवागमन हो रहा है और एक बंद है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि रोड बनाते समय राज्य सरकार को जरूर आपदा प्रबंधन विभाग से भी राय- मशवरा करनी चाहिए. अटल पथ के साथ-साथ गंगा पथ और बेली रोड और दीघा- एम्स एलिवेटेड पुल पर रोड सेफ्टी को लेकर साइन बोर्ड भी लगाना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि वाहन चलाने के लिए बिहार ही नहीं सभी राज्यों में स्पीड लिमिट बाइक के लिए 40 और फोर व्हीलर के लिए 60 तय किया गया है.

गंगा पथ पर तैनात की गई है पुलिस :पटना में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो राजधानी पटना में ऑफिस आने-जाने और स्कूल के समय में काफी भीड़ की समस्या रहती है, जिसके मद्देनजर लगातार राज्य सरकार पुल-पुलिया का निर्माण करा रही है, ताकि भीड़ की समस्याओं से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने इस निर्णय लिया है कि बन रहे नए पुल और बाईपास इलाकों में लोगों के आवागमन के लिए अंडरपास और डायवर्जन की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि गंगा पथ नया बना है जिस वजह से उसे देखना आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और काफी भीड़ हो रही है . ये जरूरी नहीं है कि ये आगे भी रहेगी, अभी इसी वजह से वहां पर पुलिस तैनात की गई है.

वाहन तेज चलाने पर काटे जाएंगे चालान :उन्होंने बताया कि अच्छी सड़क के होने की वजह से लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं जो कि कहीं से भी सही नहीं है. गाड़ी चलाने की एक की स्पीड होनी चाहिए, इससे ज्यादा चलेंगे तो हादसे का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि राजधानी पटना के अटल पथ है या गंगा पथ पर मोटरसाइकिल की अधिकतम 40 की स्पीड और फोर व्हीलर 60 स्पीड से ज्यादा नहीं चलाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए हम लोग इस सड़कों पर साइन बोर्ड भी लगाएंगे. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए एसएमएस के माध्यम से या न्यूज़ पेपर में विज्ञापन भी निकालेंगे ताकि लोग ओवरस्पीडिंग गाड़ी चलाने और उससे होने वाले एक्सीडेंट से बच सकें. इसके अलावा तीसरा उपाय निकालने जा रहे हैं कि इन सड़कों पर जहां पर ज्यादा एक्सीडेंट होता है वहां पर तेज रफ्तार वाहनों को लगाम लगाने के लिए उनका चालान काटा जाएगा, इसकी व्यवस्था जल्द ही की जाएगी.

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