पटना:शनिवार की सुबह शास्त्री नगर थाने की पुलिस पटना के एक निजी अस्पताल में पहुंची. पुलिस ने अस्पताल के आईसीयू में मौजूद सभी 10 कर्मियों से पूछताछ की. इसके साथ ही इस आईसीयू में घटना के दिन से भर्ती मरीजों से भी पूछताछ की गयी. बता दें कि पटना के इसी निजी अस्पताल में एक महिला से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगा था. इस मामले को लेकर केस दर्ज हुआ था. अब पुलिस जांच में जुटी है.
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टीम गठित करन की मांग
इस पूरे मामले की जांच शास्त्री नगर थाने की एसआई स्मिता कुमारी कर रही हैं. उन्होंने पूछताछ के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती पुराने मरीजों और उनके परिजनों से भी इस पूरे मामले की जानकारी ली. स्मिता कुमारी ने अस्पताल प्रबंधन से भी इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. स्मिता कुमारी ने इस मामले की जांच के लिए पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर को एक टीम गठित करने को लेकर पत्र भी लिखा है.
क्या है पूरा मामला?
राजधानी के एक बड़े निजी अस्पताल के आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही महिला से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था. महिला की बेटी के आरोप के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया था. घटना की सूचना के बाद शास्त्रीनगर थाने की एक टीम अस्पताल पहुंची थी और महिला के परिजनों से पूछताछ की थी.
इस बारे में महिला की बेटी का कहना था कि सोमवार को जब मैं अस्पताल पहुंची, तो मां ने इशारों में बताया कि उसके साथ रविवार की रात गलत काम हुआ है. रात में मेरे घर जाने के बाद आईसीयू में 3 से 4 लोग घुस गए और मेरी मां के साथ इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया.
जांच के लिए की थी पैरवी
राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिला कोविड मरीज से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना की समयबद्ध जांच की पैरवी की थी. राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि वे इस मामले का संज्ञान लें और जिला पुलिस अधिकारियों एवं अस्पताल को उचित दिशा-निर्देश दें. आयोग ने एक बयान में कहा कि महामारी के दौरान अस्पतालों में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को लेकर वह चिंतित हैं.
क्या कहना था अस्पताल प्रबंधन का?
अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और झूठा बताया है. अस्पताल प्रशासन ने दावा किया था कि इस महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. वह बार-बार मेडिकल उपकरणों को निकाल देती है. जिस वार्ड में महिला का इलाज हो रहा है, वहां और भी कई मरीज भर्ती हैं. जैसा आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ वहां हो ही नहीं सकता.