पटना: बिहार की राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए (Green area in the urban area of Patna) पटना नगर निगम 'मियावाकी तकनीक' (Miyawaki Technique) से वन क्षेत्र तैयार करेगा. अगर सबकुछ ठीक रहा तो 115017 स्क्वायर फीट जमीन पर आने वाले समय में वन क्षेत्र तैयार हो जाएगा. पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि पटना शहरी क्षेत्र में तेजी से हुए भवनों के कंस्ट्रक्शन और सड़कों के निर्माण की वजह से हरित क्षेत्र की कमी हो गई है. ऐसे में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए जापान की मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल कर लगभग 2.64 एकड़ जमीन में वन क्षेत्र तैयार करने का निर्णय लिया गया है.
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पटना नगर निगम 'मियावाकी तकनीक' का इस्तेमाल इसलिए कर रहा है ताकि इस विधि में वन क्षेत्र के पेड़-पौधे 20 साल में ही तैयार हो जाते हैं. जबकि सामान्य तरीके से पौधारोपण करने पर वन क्षेत्र लगभग 100 वर्षों में तैयार होते हैं. इस तकनीक में पेड़ पौधे तेजी से ग्रोथ करते हैं. पटना नगर निगम के पास अधिक समय भी नहीं है. ऐसे में 3 से 4 वर्षों में ही अच्छा खासा हरा क्षेत्र तैयार हो जाएगा. इसके लिए आने वाले दिनों में काम शुरू होने वाले हैं. मियावाकी तकनीक से हरित क्षेत्र तैयार करने के लिए नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी से मंजूरी प्राप्त हो चुकी है.
पटना जिला के डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर शशिकांत कुमार ने बताया कि 'मियावाकी तकनीक' मूल रूप से 'अकीरा मियावाकी' नाम के जापान के एक बॉटनिस्ट ने डिवेलप किया है. इसकी तकनीक यह है कि कम जगह में अधिक से अधिक पौधों को रोपा जाता है. इसमें एक पौधे का दूसरे पौधे से लाइट, फोटोसिंथेसिस और अन्य रिसोर्सेज के लिए एक दूसरे से कंपटीशन होता है. ऐसे में सभी पौधों का ग्रोथ बहुत तेजी से होता है और कम समय में ही पौधे जंगल का स्वरूप प्राप्त कर लेते हैं.