पटना: राजधानी पटना को स्मार्ट बनाने के लिए युद्ध स्तर पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान अधिकारियों की ओर से जमकर मनमानी की बात भी सामने आ रही है. ऐसा ही एक मामला 18 अगस्त को हुआ जब अतिक्रमण हटाने के दौरान पटना हाईकोर्ट के वकील सुमित शेखर पांडे को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि जब मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन बैकफुट पर आया और माफीनामा भी लिखा.
दरअसल, 18 अगस्त को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर पूरी टीम के साथ पटना सचिवालय पहुंचे. अभियान के दौरान पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुमित शेखर पांडे वहां पहुंचे और अधिकारियों को कानूनी पक्ष बताने की कोशिश की. अधिवक्ता सुमित शेखर पांडे कमिश्नर आनंद किशोर सहित तमाम पदाधिकारियों को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि जिस जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कोशिश प्रशासन कर रहा है उसके बारे में नगर निगम ने पहले ही शपथ पत्र दे चुका है.
प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया यू-टर्न
प्रशासन को अधिवक्ता का व्यवहार नगवार गुजरा और उसे हिरासत में ले लिया गया. यही नहीं सचिवालय थाने में अधिवक्ता सुमित शेखर के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में आईपीसी की धारा 147, 341, 323, 353, 332 और 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. लेकिन जैसे ही इस मामले की जानकारी पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को हुई तो उन्होंने मामले को तूल दिया और बात उच्च न्यायायिक पदाधिकारियों तक पहुंच गई. इसके बाद जब पटना हाई कोर्ट से जुड़े पदाधिकारियों का दबाव बढ़ा तब जाकर नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यू-टर्न ले लिया.