पटना: राजधानी पटना को कचरा मुक्त शहर घोषित करने के लिएनगर निगम युद्धस्तर पर जुट (Garbage free city to Patna) गई है. स्वच्छता रैंकिंग में पटना को अच्छा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी. नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने बताया कि पिछले दिनों शहर में 630 से ग्रेटेड वेस्ट प्वाइंट से कचरा मुक्त किया गया था. इन जगहों पर एक बार फिर से कचरा मुक्त बनाने के लिए चकाचक वार्ड अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. यह देखने को मिला कि कई जगहों पर फिर से लोग कचरा डालने लगे हैं. ऐसे में 16 मई से 12 जून तक प्रत्येक वार्ड में एक 1 सप्ताह का चकाचक वार्ड अभियान चलाया जाएगा.
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सप्ताह में प्रत्येक दिन अलग-अलग कार्यक्रम :नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने बताया कि एक 1 सप्ताह का चकाचक वार्ड अभियान में स्थानीय लोगों की भागीदारी होगी. इस अभियान के तहत सप्ताह में प्रत्येक दिन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें स्थानीय पार्षद और स्थानीय निगरानी समिति की सहभागिता भी होगी. पहले दिन रंगोली कार्यक्रम होगा. दूसरे दिन रिड्यूस रीयूज एंड रीसाइकिल के पॉलिसी पर कार्य होगा. तीसरे दिन पौधारोपण होगा.चौथा दिन रात्रि में दीपोत्सव होगा, पांचवा दिन स्पोर्ट्स तो होगा जिसमें क्रिकेट कबड्डी या बैडमिंटन का खेल होगा, छठे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और सातवें दिन उसी स्थान पर चाय पार्टी का आयोजन होगा.
दोबारा कूड़ा फेंकने पर बनेगी काली सूची:नगर आयुक्त ने बताया कि इसके बाद जिन जगहों को कचरा मुक्त किया जाएगा उन जगहों पर दोबारा कोई कूड़ा फेंकता है तो उसकी काली सूची प्रकाशित की जाएगी इसके साथ ही दंड शुल्क की वसूली भी की जाएगी. इसे कचरे का पोस्टमार्टम कार्य कहा जाएगा यानी कि साफ हुए जगह पर द्वारा कोई कचरा करता है तो उस व्यक्ति को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
स्वच्छता सर्वेक्षण करेगी निरीक्षण:आगामी महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के तहत केंद्रीय टीम पटना आने वाली है. पटना में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करेगी और पटना की स्वच्छता रैंकिंग करेगी. इस बार रैंकिंग में पटना को बेहतर स्थान दिलाने के लिए पटना नगर निगम जी जान से जुट गई है. इसको लेकर पटना नगर निगम ने पटना को गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत मिशन चकाचक अभियान शुरू कर दिया है.
सफाई के लिए दो डब्बा पटना के स्वच्छता के लिए स्लोगन:नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने बताया कि इंदौर को ग्रेटर वेस्ट प्वाइंट को हटाने में 2 साल लग गए थे. जबकि पटना ने ढाई महीने में ही कर दिखाया है. जिस प्रकार पोलियो से मुक्ति के लिए 'दो बूंद जिंदगी के लिए ' स्लोगन दिया गया था. उसी प्रकार पटना नगर निगम ने पटना को कचरा मुक्त और स्वच्छ बनाए रखने के लिए 'दो डब्बा पटना के स्वच्छता के लिए' स्लोगन तैयार किया गया है.