पटना:साल 2019 में पटना में ड्रेनेज सिस्टम फेल होने की वजह से भारी बारिश के बाद कई दिनों तक शहर के रिहायशी इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए थे. लगभग 600 करोड़ से अधिक रुपए का नुकसान हुआ था. उस वक्त यह समस्या सामने आई थी कि पटना शहर जब अपने शुरूआती दिनों में बसना शुरू हुआ था, उस समय जिन नालों का निर्माण किया गया था, उनका नक्शा बिहार नगर विकास विभाग (Bihar Urban Development Department) और पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के पास मौजूद नहीं था. ऐसे में ड्रेनेज सिस्टम के क्लीयरेंस में परेशानी आई थी.
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पुराने ड्रेनेज सिस्टम का नक्शा नहीं: पटना शहर जब बसना शुरू हुआ तब नियंत्रित निर्माण और तेज गति से निर्माण की वजह से कई जगह अंडर ग्राउंड नालें क्षतिग्रस्त हो गए थे. ये नाले कहां-कहां क्षतिग्रस्त हुए यह भी निगम इसलिए नहीं जान पाया, क्योंकि निगम के पास नक्शा मौजूद नहीं था. पटना के रिहायशी इलाके राजेंद्र नगर, कंकड़बाग खासकर बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में जलजमाव की समस्या ने काफी परेशान किया. इन क्षेत्रों में नाले से पानी के निकास का रास्ता का जब नक्शा नहीं मिला तब नगर विकास विभाग ने निर्णय लिया कि इन इलाकों में बुडको के माध्यम से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत एक सुदृढ़ ड्रेनेज सिस्टम डेवलप किया जाएगा.
नमामि गंगे प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा:सुदृढ़ ड्रेनेज सिस्टम डेवलप करने का काम किया जा रहा है, लेकिन स्थिति यह है कि 3 साल होने के बावजूद अभी तक बुडको की तरफ से शुरू किया गया नमामि गंगे प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है. अभी भी राजधानी पटना के लगभग सभी इलाकों में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे खोदे हुए हैं. वहीं, इसी बीच पटना के जो बड़े नाले हैं उनके साफ सफाई के लिए साल 2019 में ही नगर निगम ने यह निर्णय लिया कि साल में नालों की तीन बार पहला प्री मानसून, दूसरा मानसून और तीसरा पोस्ट मानसून के समय सफाई की जाएगी.
प्री मॉनसून नालों की उड़ाही:प्री मानसून नालों की सफाई के तहत पटना नगर निगम ने हाल ही में निगम क्षेत्र के नालों के उड़ाही का काम शुरू किया है. इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि साल 2019 की घटना ने नगर विकास विभाग और पटना नगर निगम की कमियों को उजागर किया था. इससे निगम को काफी कुछ सीखने को मिला. इन कमियों को दुरुस्त करने के लिए कार्य किए गए और इसी कड़ी में पटना के जो 9 बड़े नाले हैं, उनका सघन सफाई अभियान चलाया गया.
''फिर से 2019 की स्थिति उत्पन्न ना हो इसको लेकर पटना में नालों की उड़ाही बड़े स्तर पर शुरू कर दी गई है. सबसे पहले बड़े नालों की उड़ाही की जाएगी और फिर एक छोटे नालों और कैचपीट की साफ सफाई होगी. अभी प्रत्येक वार्ड में 10-10 सफाई कर्मी नाला उड़ाही के लिए तैनात किए गए हैं. अगर आवश्यकता अधिक की पड़ती है तो और अधिक सफाई कर्मियों की तैनाती की जाएगी. निगम क्षेत्र में मौजूद सभी छोटे, मध्यम और खुले नालों की कुल लंबाई 17,03,568 लाख फीट है. 46,835 मैनहोल है और 36,241 कैचपिट है. इन सभी के सफाई का काम मई महीने के शुरूआत होने तक पूरा कर लिया जाएगा.''-इंद्रदीप चंद्रवंशी, पटना नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य