पटना: बिहार की राजधानी पटना में नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पास हो गया है. इस साल का बजट पिछले वर्ष की तुलना में 692.50 करोड़ अधिक का बजट है. इस बार 2432.50 करोड़ का बजट पास किया गया है, जबकि पिछले साल 1740 करोड़ का बजट था. इस बजट में आधारभूत संरचना के विकास के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान है. वहीं अन्य पूंजीगत भुगतान के लिए 356.82 करोड़, परिचालन और रखरखाव के लिए 321.37 करोड़, स्थापना व्यय के लिए 283.54 करोड़ का प्रावधान प्रमुख है.
ये भी पढ़ेंः पटना नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,740 करोड़ का बजट पास, आधारभूत संरचना पर 486 करोड़ खर्च का लक्ष्य
मोहल्ला क्लीनिक और स्मार्ट क्लास के लिए भी दी गई राशिः नगर निगम ने इस बार मोहल्ला क्लीनिक के लिए ₹29.70 करोड़ का प्रावधान किया है, हालांकि यह राशि तभी इस्तेमाल में आएगी जब कोर्ट की तरफ से निर्देश आ जाएगा. क्योंकि नगर निगम की तरफ से मोहल्ला क्लीनिक खोलने के अधिकार को लेकर के याचिका कोर्ट में दायर की गई है. नगर निगम के बजट में शिक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है और ऑनलाइन लाइब्रेरी और फिजिकल लाइब्रेरी के लिए 3.50 करोड़ का प्रबंध किया गया है. यह सुविधाएं निगम क्षेत्र में निशुल्क होंगी. निगम क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास के तहत स्कूलों में कंप्यूटर, वाईफाई और प्रोजेक्टर सहित उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे और इसके लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
सामुदायिक भवनों और रैन बसेरा में सौर ऊर्जा से मिलेगी बिजलीः पटना नगर निगम के भवनों कार्यालयों और सामुदायिक भवन समिति रैन बसेरा इत्यादि में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उपयोग करने को लेकर 5 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है. नगर निगम के वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही ओपन जिम के लिए 5 करोड़ रुपए, शहरवासियों को मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ओपन वाईफाई, युवाओं के लिए 7 करोड़ की राशि का प्रावधान है. इसके साथ ही राम चकबरिया डंपिंग यार्ड में स्थित लेगेसी वेस्ट को समाप्त किए जाने के लिए 20.90 करोड़ का बजट है. स्ट्रीट लाइट और स्मार्ट कंट्रोल पैनल के लिए 10 करोड़ का बजट है.
ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्राप्त नहीं हुई राशि: पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 15 वें वित्त आयोग से जो राशि प्राप्त होनी थी वह नहीं आ पाई. साथ ही प्रदूषण के मद में केंद्र से मिलने वाली राशि में 75% की कटौती कर दी गई. इसके अलावा छठे वित्त आयोग द्वारा पटना नगर निगम को विशेष पैकेज के रूप में 1000 करोड़ रुपये देने की अनुशंसा की गई थी, जिस को ध्यान में रखते हुए पटना नगर निगम कई योजना तैयार कर रहा था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उसे बुडको को हस्तांतरित करने का निर्देश दे दिया गया है.
आधारभूत संरचना के लिए अलग से प्रावधानः महापौर सीता साहू का कहना है सबके बावजूद अपने वित्तीय स्रोतों के मध्य प्रभावी सामंजस्य बिठाते हुए अनेक आधारभूत संरचनाएं, ड्रेनेज जलापूर्ति, सामुदायिक शौचालय, महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट, दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण, मलिन बस्तियों का विकास, ठोस कचरा प्रबंधन जैसी कई योजनाओं के लिए इस बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. इस बजट में शहर में बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम और वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी प्रावधान किए गए हैं ताकि निगम द्वारा उठाए जाने वाले इस कदम से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके. पटना नगर निगम की टीम ने एक दूरदर्शी और विकास परक बजट तैयार किया है.
" वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 15 वें वित्त आयोग से जो राशि प्राप्त होनी थी वह नहीं आ पाई. साथ ही प्रदूषण के मद में केंद्र से मिलने वाली राशि में 75% की कटौती कर दी गई. इसके अलावा छठे वित्त आयोग द्वारा पटना नगर निगम को विशेष पैकेज के रूप में 1000 करोड़ रुपये देने की अनुशंसा की गई थी, जिस को ध्यान में रखते हुए पटना नगर निगम कई योजना तैयार कर रहा था" -सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम