पटना: दीपों के त्योहार दिवाली को मनाने के लिए पटना शहर पूरी तरह तैयार है. दिवाली से एक दिन पहले पटना का बाजार सजा रहा और खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. दिवाली पर्व को लेकर सुबह से ही बाजारों में चहलपहल दिखने लगी थी.
पूजा के लिए स्वदेशी उत्पादों की मांग
रोशनी के त्योहार दिवाली को लेकर पटना का बेली रोड पूरी तरह से डिजाइनर दीए, मिट्टी के झालरों और सजावटी सामानों से सजा पड़ा है. पटना विमेंस कॉलेज के पास फुटपाथ पर काफी संख्या में दुकानदार सजावट के सामानों की दुकान लगाए हुए हैं और ग्राहक सजावट के सामानों की आखिरी चरण की खरीदारी कर रहे हैं.
काफी दिनों बाद बाजार में रौनक बढ़ी है मगर दुकानदारों का कहना है कि इस बार दीपावली के मौके पर हर साल की तरह बाजार नहीं है. लोग पैसे कम खर्च करना पसंद कर रहे हैं हालांकि इस बार लोग स्वदेशी उत्पादों को खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
खूबसूरत डिजाइनर दीयों की डिमांड
सजावट के सामान खरीद रहें ग्राहक दीपेंद्र राय ने बताया कि वह अपने बच्चे की फरमाइश पर घरौंदा खरीदने पहुंचे हुए हैं. बाजार में घरौंदा ₹150 से ₹2000 के बीच है. उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली में उन्होंने सजावट के लिए स्वदेशी उत्पादों की ही खरीदारी की है और रोशनी के लिए उन्होंने मिट्टी के दीए खरीदे हैं.
मिट्टी के डिजाइनर दीये खरीद रही श्वेता ने बताया कि वह इस दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों की ही खरीदारी कर रही है. इस बार बाजार में बेहद खूबसूरत अनेकों प्रकार के डिजाइनर दीए का स्टॉक उतरा हुआ है. मिट्टी के डिज़ाइनर दीए उन्हे काफी आकर्षक लग रहे हैं.
पिछले साल की तुलना में दोगुनी कीमत पर बिक रहीं मूर्तियां
गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां खरीद रही ग्राहक प्रियंका ने बताया कि इस बार बाजार काफी महंगा है और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां पिछले साल की तुलना में दोगुनी कीमत पर बिक रहीं हैं. उन्होंने बताया कि वह इस दीपावली स्वदेशी उत्पादों को खरीद रही है ताकि भारत के गरीब कारीगरों को फायदा हो क्योंकि लॉकडाउन के दौरान इन कारीगरों की हालत काफी खराब हो गई थी.
प्रियंका ने बताया कि दीपावली के मौके पर उन्होंने रोशनी के लिए कुम्हार के यहां से जाकर मिट्टी के दीए खरीदे हैं. मिट्टी का बना सामान इकोफ्रेंडली और सस्ता है. हमें अपने देश में बनी वस्तुओं को प्रमोट करना चाहिए. इसलिए हमने देश को प्राथमिकता देते हुए चायनीज सामान से दूरी बना ली है.