पटना:देश में इन दिनों कोरोना के एक्सई वेरिएंट (XE Variants Of Corona) की काफी चर्चा हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि यह वेरिएंट संक्रमण का चौथा लहर (Fourth Wave Of Corona) ला सकता है. यह वेरिएंट कोरोना के अब तक के सभी वेरिएंट से काफी अलग है. इसका वजह यह है कि अब तक जो वेरिएंट देश में पाए गए हैं वह म्यूटेंट वेरिएंट थे लेकिन यह वेरिएंट रिकांबिनेशन वेरिएंट (Recombination Variants) है. यह वेरिएंट संक्रमण के BA.1 और BA.2 से मिलकर के एक नया वेरिएंट तैयार हुआ है. यह अब तक के सभी वेरिएंट से अधिक संक्रामक माना जा रहा है.
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दो वेरिएंट से मिलकर नया वेरिएंट तैयार: पटना आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर नम्रता कुमारी ने बताया कि कोरोना का यह एक्सई वेरिएंट अन्य वेरिएंट से अलग है क्योंकि यह रिकांबिनेशन वेरिएंट है. रिकांबिनेशन वेरिएंट का मतलब होता है कि वह वेरिएंट जो दो अलग-अलग वेरिएंट से मिलकर के एक नया वेरिएंट तैयार हुआ हो. उन्होंने कहा कि इस वेरिएंट के सामने आने का वजह है कि किसी एक व्यक्ति के शरीर में ओमीक्रोन के BA.1 और BA.2 दोनों का इंफेक्शन हुआ हो. व्यक्ति के शरीर के सेल में दोनों वेरिएंट एक साथ प्रवेश किए हो और जेनेटिक मैटेरियल मिक्स-अप होने के बाद वायरस ने का एक नया स्ट्रक्चर तैयार कर लिया जिसे XE के नाम से जाना जा रहा है. अभी तक जो वेरिएंट आ रहे थे वह पुराने वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में हो रहे म्यूटेशन से तैयार हो रहे वेरिएंट थे, लेकिन इस एक्सई वेरिएंट में दो वेरिएंट के मिलने के बाद एक नया वायरस स्ट्रक्चर तैयार हुआ है. इस वेरिएंट का जो स्पाइक प्रोटीन है वह BA.2 की तरह है और बाकी हिस्सा BA.1 की तरह है.
एक्सई वेरिएंट की स्टडी जारी: डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि कोरोना वायरस के संबंध में यही देखने को मिल रहा है कि जो भी नया वेरिएंट डिटेक्ट हो रहा है वह पुराने वेरिएंट से अधिक संक्रामक रह रहा है. यह एक्सई वेरिएंट भी अब तक के वेरिएंट से अधिक संक्रामक माना जा रहा है. हालांकि, यह कितना घातक है इस पर अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता और यह जो दो वेरिएंट से मिलकर के बना है. वह दोनों अधिक संक्रामक थे लेकिन घातकता कम थी. कोरोना वायरस का अब तक सबसे अधिक घातक वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस ही डिटेक्ट किया गया है. जिसके कारण संक्रमण के दूसरे लहर में देश में कई लोगों की जानें गई हैं. हालांकि एक्सई वेरिएंट के बारे में अभी तक स्टडी अधिक नहीं हुई है. ऐसे में अभी अधिक कुछ कहना गलत होगा लेकिन माना यही जा रहा है कि यह संक्रामक अधिक है और इस पर अभी दुनिया भर में स्टडी चल रही है.