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पटना: नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई - नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण

पटना मुख्य नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में जस्टिस संजय करोल (Patna High Court Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई की. जानकारी के मुताबिक सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने दानापुर के अंचलाधिकारी को पत्र के साथ अतिक्रमणकारियों की सूची भी सौंपी थी. फिर भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा.

अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

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Published : Oct 10, 2022, 9:09 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने पटना मुख्य नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की गई. इस मामले में राज किशोर श्रीवास्तव की जनहित याचिका (public interest litigation) पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

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कोर्ट ने दिया था आदेश:इस संबंध में कोर्ट के द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमण हटाकर अनुपालन के संबंध में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह (Advocate Surendra Kumar Singh) ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए और आठ सप्ताह के समय की मांग की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने चार सप्ताह का मोहलत दिया है.


अभी तक नहीं हटा अतिक्रमण:इसके पूर्व याचिककर्ता के अधिवक्ता द्वारा खंडपीठ को हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के बारे में बताया गया. इस नहर, बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को दानापुर के अंचलाधिकारी ने भी स्वीकारा है. अंचलाधिकारी ने 5 मई 2022 को ही कोर्ट को स्वयं बताया था कि अगले चार सप्ताह में कम से कम 70 फीसदी अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा. लेकिन अभी तक स्थिति वैसी ही है. गौरतलब है कि सोन नहर प्रमंडल, खगौल, पटना द्वारा अतिक्रमण वाद दायर करने के लिए दानापुर के अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया था.

कार्यपालक अभियंता ने लिखा था पत्र:सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता (Executive Engineer of Son Canal Division) द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को पत्र के साथ साथ अतिक्रमणकारियों की सूची भी सौंपी गई थी. कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में विभागीय मुख्य नहर के बांध और चार्ट भूमि पर किये गए अतिक्रमण को अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद दायर कर ठोस कार्रवाई करने का अनुरोध किया था, ताकि विभागीय भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो सके. इस मामले में कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी

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