पटना: डॉ राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) के स्मारकों की दुर्दशा पर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने विकास कुमार की इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार विद्यापीठ के सम्बन्ध में दायर हलफनामा पर असंतोष व्यक्त किया.
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हाईकोर्ट ने बिहार विद्यापीठ को निर्देश दिया कि वहां हुए अतिक्रमण का विस्तृत ब्यौरा पेश करे. इसमें अतिक्रमणकारियों के नाम, इस सम्बन्ध में विभिन्न अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित मामलों और उनके नाम, जो इन भूमि पर अपना दावा करते हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने बिहार विद्यापीठ से जुड़े विवादित भूमि की खरीद बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिहार विद्यापीठ के तमाम जमीन के स्वत्व सम्बन्धित कागजात पटना डीएम कार्यालय को हस्तगत करने का निर्देश विद्यापीठ की प्रबन्ध समिति को दिया है.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना के बांस घाट स्थित डा राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और बिहार विद्यापीठ के हालात का जायजा लेने के लिए याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार को पटना के जिलाधिकारी के साथ भेजा था. उन्होंने कोर्ट को वहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया.