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पटना हाईकोर्ट में जमानत मामले की अलग से होगी सुनवाई, आधे घंटे ज्यादा काम करेंगे जज

पटना हाईकोर्ट में जमानत के लंबित मामले की सुनवाई के लिए जज अब आधे घंटे ज्यादा काम करेंगे. सोमवार से इसे लागू किया जाएगा. पटना हाईकोर्ट ने जमानत के लंबित मामलों को देखते हुए यह पहल की है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

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Published : Apr 24, 2022, 10:23 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट में अब जज आधे घंटे अलग से काम करेंगे. इस आधे घंटे में जज जमानत के लंबित मामलों की सुनवाई (Patna High Court Justice Will Work Extra Half an Hour For Pending Bail Hearing) करेंगे. पटना हाईकोर्ट ने जमानत के लंबित मामलों को देखते हुए यह पहल की है. सोमवार से इसे लागू किया जाएगा. कोर्ट की नोटिस के अनुसार सभी बेंच 4ः15 बजे सभी मामलों की सुनवाई करने के बाद आधे घंटे 4ः45 बजे तक जमानत के लंबित मामलों की सुनवाई करेंगे. चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार द्वारा यह नोटिस जारी किया गया है.

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19 प्रतिशत बढ़े तमाम केस के लंबित मामलेःकानून मंत्रालय द्वारा ली गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की निचली अदालतों से लेकर अगर सुप्रीम कोर्ट तक की बात करें तो कुल 4.09 करोड़ मामले लंबित चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से चिंता जताने के बाद भी आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं. अगर बात करें सुप्रीम कोर्ट की तो यहां 2 मार्च 2022 तक 70 हजार 154 मामले लंबित हैं. आंकड़ों पर अगर गौर करें तो दिसंबर 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच यानि करीब सवा तीन साल में लंबित मामलों की संख्या में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

हाईकोर्ट में भी लंबित मामलेः देश के हाईकोर्ट की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. 28 मार्च, 2022 को देश के हाई कोर्ट में 58.90 लाख मामले न्याय की राह देख रहे हैं. हाई कोर्ट में भी दिसंबर 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच हाईकोर्ट में 12 लाख से ज्यादा मामले लंबित हुए. यानि यहां भी करीब सवा तीन साल में लंबित मामलों में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है. देश के कुछ हाईकोर्ट ऐसे भी हैं जहां पर मामलों का निपटारा जल्द होता है. हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक साल के भीतर लगभग 56 प्रतिशत मामलें निपटा दिए जाते हैं. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इन मामलों की संख्या 49.97% और 47% है.

पटना हाईकोर्ट में इतने मामले निपटाए गएः रिपोर्ट के मुताबिक अगर एक साल के भीतर मामले निपटाने को आधार मानकर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा समय इन 5 हाईकोर्ट में लगते हैं. इस मामले में रांची हाईकोर्ट पहले नंबर पर है. यहां साल भर में महज 3.29 प्रतिशत मामलों का निस्तारण किया जाता है. वहीं जम्मू कश्मीर और लदाख हाईकोर्ट में ये संख्या 14.82 प्रतिशत है. कर्नाटक, पटना और केरल हाईकोर्ट भी इस सूची शामिल हैं. पटना में एक साल में कुल 979 मामले निपटाए गए. कुल केस का यह 18.63% है.

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