पटनाःबिहार के पटना हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय का आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया. जस्टिस उपाध्याय काफी दिनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था. उन्होंने 22 मई, 2017 को पटना हाइकोर्ट के जज के रूप कार्यभार ग्रहण किया था. जिसके बाद उन्होंने बिहार में शराबबंदी कानून के मामले में कई बार सरकार से सवाल पूछे. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े फैसले सुनाए.
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पटना यूनिवर्सिटी से किया था एलएलबीःजस्टिस उपाध्याय का जन्म 4 दिसम्बर,1962 को हुआ था. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी और एलएलएम की डिग्री ली थी. उन्होंने पटना के कामर्स कालेज में अंशकालिक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य किया. उसके बाद पटना लॉ कॉलेज में भी अंशकालिक शिक्षक के रूप में कार्य किया. चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में 2007 से 2017 कार्य किया. राज्य सरकार कर स्टैंडिंग कॉउन्सिल के पद पर 2010 से 2017 तक कार्य किया.
किडनी की बीमारी से ग्रस्त थेःउन्होंने 22 मई, 2017 को पटना हाइकोर्ट के जज के रूप कार्यभार ग्रहण किया. उनकी प्रतिभा, विद्वता और कार्य करने की क्षमता की बहुत थी. इसी बीच उन्हें किडनी की बीमारी का पता चला. उनके किडनी का प्रत्यारोपण हो गया था, लेकिन बुधवार की सुबह उनका निधन हो गया.
शराबबंदी कानून पर दिया था ये बयानःआपको बता दें कि साल 2020 में न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने शराब पीने के आरोप में बंद लोगों की जमानत मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि शराबबंदी कानून का दुरुपयोग हो रहा है. गांधीजी की तरह कोई बदलाव लाना अच्छी बात है, लेकिन कानून की सजा इतनी बड़ी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने शराबबंदी, बिहार में शिक्षक नियोजन मामले समेत अन्य मामलों पर भी अपने विवेक और विद्वता से अहम फैसले सुनाए.