पटना : पटना हाईकोर्ट ने हत्या मामले के अनुसंधान में लापरवाही बरतने को लेकर में दायर अर्जी पर राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दायर नहीं किये जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने 6 नवंबर के पूर्व जुर्माना राशि को पटना हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी में जमा करने का आदेश दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने मन्ति देवी की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस जुर्माना राशि की वसूली दोषी कर्मी से करने का आदेश दिया.
ये भी पढ़ें:Patna High Court News : निचली अदालतों में लंबित आपराधिक मामलों पर सुनवाई टली, अगली तारीख 22 सितंबर
हत्या मामले में पुलिस ने एक साल से नहीं लिया था बयान : अधिवक्ता अंजनी पराशर ने कोर्ट को बताया कि एक वर्ष पूर्व हुई हत्या में पुलिस ने अब तक पुन: बयान नहीं लिया है. उनका कहना था कि पुलिस इस मामले में सोई हुई है. यही नहीं कोर्ट ने छह माह पूर्व जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इसके बावजूद जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया गया. कोर्ट ने सारण के एसपी को दो सप्ताह के भीतर अपने स्तर से समीक्षा कर तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया.
हलफनामा देने का आदेश का नहीं हुआ था पालन : कोर्ट ने इस केस के आईओ और पर्यवेक्षण अधिकारी की भूमिका के बारे में भी पूरी जानकारी देने का आदेश दिया. कोर्ट ने छह माह पूर्व जवाबी हलफनामा दायर करने के आदेश का पालन नहीं किये जाने पर राज्य सरकार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने सरकार को दोषी अधिकारियों से जुर्माना राशि वसूलने की छूट दी है. मामले पर अगली सुनवाई 6 नवम्बर 2023 को होगी.