पटना:पटना हाईकोर्ट ने अपनी मालकिन से रेप किए जाने के मामले में अभियुक्त बनाए गए नौकर को साक्ष्य के अभाव में जेल से रिहा करने का निर्देश दिया. पटना हाईकोर्टने अपने आदेश में कहा है कि पीड़ित महिला का बयान इतना सशक्त और इतना ठोस नहीं है कि केवल उसके मौखिक गवाही के आधार पर अपीलार्थी को बलात्कार जैसे जघन्य अपराध का दोषी करार दिया जा सके.
पटना हाईकोर्ट में रेप मामले पर सुनवाई: जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस नवनीत कुमार पांडे की खंडपीठ ने सुकुमार जाना की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई की. इस पूरे मामले की सूचक जो तथाकथित बलात्कार की पीड़िता है. उसने पुलिस में दर्ज कराई गई प्राथमिक में आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके पति गया शहर में एक बड़े सार्वजनिक कंपनी में जब प्रबंधक के तौर पर पदस्थापित थे. उस समय अपीलार्थी जो उसके घर में नौकर था. उसने चाय में नशे की दवा मिला कर पीड़िता को बेहोश कर उसके साथ बलात्कार किया था.
आरोपी नौकर बंगाल का रहने वाला है:आरोपी नौकर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिला से आया था. उसने पीड़िता की नंगी तस्वीर को वायरल करने की धमकी देते हुए, पीड़िता के साथ दोबारा बलात्कार किया. प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी पीड़िता को बदनाम कर देने की धमकी देते हुए हजारों रुपए ऐंठता रहा. एक महीना के बाद जब पीड़िता के पति का स्थानांतरण गया से जब सहरसा हो गया. तब उससे आरोपी और उसकी पत्नी ने एक लाख रुपए का डिमांड किया. पीड़िता इस सब से परेशान होकर आत्म हत्या करने की कोशिश की जिसे उसके पति ने विफल कर दिया.