पटना: राजधानी एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. सुनवाई 18 जुलाई 2023 तक टल गई है.
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खुले में मांस मछली बेचने की याचिका पर सुनवाई टली: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस बारे में पटना नगर निगम को विस्तार से जानकारी देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया था. पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिह्नित कर लिया गया है. साथ ही निविदा की कार्रवाई की जा रही है.
अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली बेचने को लेकर याचिका: पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है. पिछली सुनवाई में अधिवक्ता मानिनी जायसवाल ने कोर्ट को बताया था कि पटना समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं.
बूचड़खानों को तत्काल बंद कराने की मांग:उन्होंने कहा कि इससे जहां आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. वहीं इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे लड़कों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. याचिकाकर्ता के वकील मानिनी जायसवाल ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचड़खानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए.
इन इलाकों में होती है खुले में बिक्री: उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पटना के राजा बाज़ार, पाटलिपुत्रा, राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है. अधिवक्ता मानिनी जायसवाल ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है ,जो कि जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
18 जुलाई को होगी सुनवाई: उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले. इस मामलें पर अब अगली सुनवाई 18 जुलाई, 2023 को की जाएगी.