पटनाः हाईकोर्ट ने आज कई मामलों पर सुनवाई करते हुए अहम फैसले सुनाए. जिनमें बंद पड़े शव दाहगृह, पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या और याचिकाओं को हिंदी में दायर करने जैसे अहम मामले शामिल हैं.
शव दाहगृह के मामले पर कोर्ट सख्त
पटना हाईकोर्ट ने राजधानी समेत राज्य के विभिन्न जगहों में बंद पड़े शव दाहगृहों के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए पटना नगर निगम को पूरा ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर जस्टिस ज्योति शरण की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट को बताया गया कि पटना व अन्य जगहों पर विद्युत शव दाह गृह बंद पड़े हैं. इस कारण लोग नदियों में शवों को बहा देते हैं. इससे नदियां भी प्रदूषित हो रही हैं. इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जायेगी.
पटना नगर निगम को दिया निर्देश
वहीं, राजधानी पटना में बड़े पैमाने पर आवारा कुत्तों से होने वाली परेशानियों पर पटना हाई कोर्ट ने पटना नगर निगम को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है. गौरी मौलेखी की जनहित याचिका पर जस्टिस ज्योति की खंडपीठ ने सुनवाई की. ये मामला मुख्य रुप से भारत से धार्मिक कृत्यों के लिए जानवरों की तस्करी का था.
हाई कोर्ट ने इस मामलें पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया था. कोर्ट ने पटना शहर में आवारा कुत्तों के कारण होने वाले कठिनाईयों के मामलों पर की जा रही कार्रवाइयों का ब्यौरा तलब किया था. इस मामले में आगे की कार्यवाही अगली सुनवाई में होगी.
केपी रमैय्या से मांगा पूरा ब्यौरा
उधर, पटना हाई कोर्ट के गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या आज कोर्ट में हाजिर हुए. चीफ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने रमैय्या को हलफनामा दायर कर पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता वाई वी गिरी ने बताया कि वे न्यायाधिकरण के सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट में दायर याचिकाए वापस ले लेंगे.
कोर्ट ने उन्हें निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया. कोर्ट ने रमैय्या को सारी बातों का हलफनामा दाखिल कर जानकारी 2 मई तक पेश करने का निर्देश दिया है. इसी दिन अगली सुनवाई होगी. केपी रमैय्या के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं.
हिन्दी में भी दायर होंगी याचिकाएं
एक अन्य मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हिन्दी में दायर याचिकाएं स्वीकार की जायेंगी. चीफ जस्टिस ए पी शाही की खंडपीठ ने कृष्णा यादव मामले पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था. जिसे आज सुनाया गया है. सामान्यतः हाई कोर्ट में अंग्रेजी में याचिकाएं दायर की जाती रही हैं. लेकिन राज्य के आम लोगों की भाषा हिन्दी हैं, जिसे लोग आम तौर पर पढ़ते और समझते हैं.
इस याचिका में यही मुद्दा कोर्ट के समक्ष उठाया गया था. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुरक्षित रखा था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब हाईकोर्ट में हिन्दी भाषा में भी याचिकाएं दायर की जा सकेंगी.