पटनाः बिहार फार्मासिस्ट बहाली मामले में सुनवाई हुई. सोमवार को पटना हाईकोर्ट ने 1539 रेगुलर फार्मासिस्ट की बहाली प्रक्रिया के मामले पर सुनवाई करते हुए निष्पादित कर दिया. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की अध्यक्षता वाली फुल बेंच ने सुनवाई की. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा.
रेगुलर फार्मासिस्टों की बहालीः सरकार के अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि सरकार रेगुलर फार्मासिस्टों की नियुक्ति के नियमों में संशोधन लाने जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य तकनीकी सेवा आयोग द्वारा नए नियमों के आलोक में फार्मासिस्टों की नियुक्ति स्थगित करेगी. इसके बाद सरकार 19.09.20 को जारी अधिसूचना को वापस लेगी. फिर से नए नियम जारी किया जाएगा.
बी.फार्मा डिग्रीधारियों को भी मिले मौकाः याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार में फार्मासिस्ट की नियुक्ति नियमावली की गलत व्याख्या किया गया है. आयोग ने सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थीयों को आवेदन योग्य माना है जो फार्मेसी में डिप्लोमाधारी हैं. न्यूनतम योग्यता डिप्लोमा की ही है. इस कारण उच्चतम योग्यता बी.फार्मा डिग्रीधारियों को आवेदन देने से वंचित नहीं किया जा सकता है.
नए नियम नहीं लाने पर दोबारा होगी सुनवाईः अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका को निष्पादित करते हुए याचिकाकर्ताओं को छूट दी है कि यदि सरकार द्वारा नियुक्ति संबंधित नए नियम नहीं लाये जाते हैं तो वे इस मामलें पर दोबारा कोर्ट का रूख कर सकते हैं.