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Patna High Court: नगर निगम के अधिकारी पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी, कहा- 'दोषी अधिकारी अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं'

पटना हाईकोर्ट ने एक अखबार के दफ्तर तोड़े जाने के मामले पर तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आदेश पर रोक के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों ने दफ्तर को तोड़ दिया. कोर्ट ने कहा कि यह अवमानना के दोषी अधिकारी अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं. अब इस मामले में 15 सितम्बर को सुनवाई की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 1, 2023, 10:22 PM IST

पटना :पटना हाईकोर्ट के द्वारा आदेश पर रोक लगाए जाने के बावजूद एक अखबार के दफ्तर तोड़े जाने पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है. कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त समेत चार अन्य अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. शुक्रवार को जस्टिस आशुतोष कुमार एवं जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की खंडपीठ ने शैलजा शेखर के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि यह अवमानना के दोषी अधिकारी अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं. अब इस मामले में 15 सितम्बर को सुनवाई की जाएगी.

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अधिकारियों को कोर्ट का आदेश नहीं समझ आता: पटना हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से अवमानना का मामला है. कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अवमानना के दोषी अधिकारी अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं. पटना हाईकोर्ट ने कहा कि या तो उन्हें कोर्ट का आदेश नहीं समझ आता है या फिर वे खुद को सर्वोपरी समझते हैं.

15 सितम्बर सितंबर को होगी सुनवाई:नगर निगम की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने उपस्थित होकर कोर्ट से कहा कि निश्चित रूप से अधिकारियों की कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाने की कोई मंशा नहीं थी. ऐसा दोबारा नहीं होगा. अधिकारियों को किसी प्रकार की सजा नहीं दी जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने उनसे कहा कि वे बतायें कि कोर्ट कि मर्यादा को पुनर्स्थापित करने के लिये दोषी अधिकारी हर्जाना भरने को तैयार हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर दोषियों को सजा नहीं दी गई तो यह कोर्ट की मर्यादा के खिलाफ होगा.इस मामले पर 15 सितम्बर ,2023 को सुनवाई की जाएगी.

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