पटना:उच्च न्यायालय पटनाने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 प्रधानाचार्यों को नौकरी से हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने डॉ.अनिल कुमार ईश्वर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद चौधरी समेत सात अन्य की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई के बाद सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया है.
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दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 प्रधानाचार्यों को बड़ी राहत: कोर्ट ने सिंगल बेंच के 24 सितम्बर, 2019 के आदेश को निरस्त कर दिया. अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार ने कोर्ट को बताया कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में 22 प्रधानाचार्यो की बहाली के लिए 2008 में विज्ञापन प्रकाशित की गई थी. सारी प्रक्रिया का पालन करते हुए 22 प्रधानाचार्यो की नियुक्ति की गई.
नौकरी से हटाने के आदेश को पटना हाईकोर्ट ने किया निरस्त: वहीं नियुक्ति को डॉ रमेश झा एवं अन्य की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने आवेदकों की ओर से उठाये गये सवालों को सही करार देते हुए सभी नियुक्ति को निरस्त कर नये सिरे से तीन माह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया था.
सभी नौ अपीलों पर एक साथ हुई सुनवाई: इस आदेश की वैधता को अपील दायर कर चुनौती दी गई. सभी नौ अपीलों पर एक साथ सुनवाई हुई. यह सुनवाई काफी लंबी चली और उसके बाद कोर्ट ने 6 अक्टूबर, 2023 को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया. कोर्ट ने अपना आदेश जारी कर सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त करते हुए इन 22 प्रधानचार्यों को राहत दी.