पटना: दुर्लभ जेनेटिक बीमारी (Rare Genetic Disease) में असमर्थ मरीजों के इलाज और दवाएं उपलब्ध कराने संबंधित जनहति मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत को हलफनामा देकर जवाब देने का निर्देश दिया है. राजू यादव की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि इस मामले में प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत हलफनामा के साथ जवाब दें.
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याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि ये बीमारी डूशेनमस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Duchenne Muscular Dystrophy ) नाम के दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से ग्रस्त हैं. राज्य के समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर व भागलपुर समेत विभिन्न जिलों में इन रोगियों की कुल संख्या 33 हैं. इस बीमारी के इलाज में काफी पैसे खर्च होता है, जो कि आम आदमी की पहुँच से बाहर होता है. उनका इलाज और दवाएं काफी महंगी होतीं हैं. इसके लिए इनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं है.