पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थितहाइकोर्ट में (Patna High Court ) सुनवाई के दौरान बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के कर्मचारियों को पांचवां और छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार वेतनमान देने का निर्देश दिया गया है. जस्टिस पी वी बजंत्री की खंडपीठ ने बलिराम सिंह की अपील पर सुनवाई कर ये आदेश दिया. अपीलकर्ता ने 21अगस्त 2017 को पटना हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अपील दायर की थी.
ये भी पढ़ेंः Patna High Court : सूबे में थानों की दयनीय अवस्था पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 471 पुलिस स्टेशन को अपना भवन नहीं
1996 से 2006 तक कर्मचारियों को लाभ देने का निर्देशः हाईकोर्ट ने पांचवां और छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में 1 जनवरी 1996 से पांचवां वेतन आयोग और छठा वेतन आयोग का लाभ 1 जनवरी 2006 से अब तक का बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के कर्माचारियों को लाभ देने का निर्देश दिया है. कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि 22 दिसंबर 1961 को बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम ने संकल्प लिया था कि इनके कर्माचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.
चार माह के अंदर देना होगा लाभःकोर्ट ने ये भी पाया कि बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम ने इस सम्बन्ध में कोई नियम नहीं बनाया है. इसीलिए कोर्ट ने आदेश दिया कि इस निगम के कर्मचारियों को दोनों वेतन आयोग के अनुशंसा का लाभ चार माह के भीतर देना होगा. अगर इन्हें चार माह के भीतर धनराशि नहीं दी गई, तो निगम को इन्हें 8 फीसदी ब्याज के साथ ये धनराशि देनी होगी. इसके साथ ही न्यायालय ने मामले को निष्पादित किया. अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार व रितिका रानी और बिहार राज्य वित्त निगम की ओर से डाॅ. आनंद ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को रखा.