पटना:सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अपने बैठक में सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बहाली की अनुशंसा (Reinstatement of Five Judges In Supreme Court) की है. इन जजों में राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानउद्दीन अमानुल्लाह, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार और इलाहाबाद के जज जस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए जाने की अनुशंसा की है.
ये भी पढ़ें- JDU को छोड़ महागठबंधन के सभी घटक दल मंडी व्यवस्था के पक्ष में, प्राइवेट मेंबर बिल को लेकर संशय में सरकार
बिहार के चीफ जस्टिस संजय करोल के नाम की अनुशंंसा: दरअसल, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की गई है. 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेजी है. न्यायमूर्ति करोल हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में गरली गांव के तहसील देहरा गोपीपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री ली थी. साल 1986 में एक वकील के रूप में रजिस्टर्ड हुए. 1998 से 2003 तक हिमाचल के महाधिवक्ता रहे.
हिमाचल के रहने वाले हैं संजय करोल: 8 मार्च 2007 को हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. 25 अप्रैल 2017 को हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया और 5 अक्तूबर 2018 तक इसी पद पर कार्य किया. उसके बाद 9 नवंबर 2018 को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए. फिर वहां से पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका ट्रांसफर हुआ.
पटना हाईकोर्ट में हुई थी वापसी: जस्टिस अमानुल्लाह ने 20 जून 2022 को पटना हाईकोर्ट में जज के रूप में शपथ ली थी. इससे पहले भी वो पटना हाईकोर्ट के जज के रूप में कार्य करते रहे थे, पिछले वर्ष अक्टूबर में उनका स्थानांतरण आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में किया गया था. उनको आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट से वापस पटना हाईकोर्ट स्थानांतरण करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी.
कौन हैं न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह?:उनका जन्म 11 मई, 1963 को हुआ था. उनके पिता का नाम नेहालुद्दीन अमानुल्लाह था. उन्होंने स्नातक की डिग्री रसायन शास्त्र में आनर्स के साथ ली. पटना लॉ कालेज,पटना से उन्होंने लॉ की डिग्री ली. 27 सितम्बर,1991 में कानून की प्रैक्टिस के लिए बिहार राज्य बार कॉउन्सिल में इनरोल हुए. उन्होंने पटना हाईकोर्ट में मुख्य रूप से प्रैक्टिस की. इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस की.