पटना: राज्य सरकार के वकीलों की फीस में पिछले 14 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं होने के मामले परपटना हाई कोर्टमें सुनवाई दो सप्ताह के लिए टल गई है. एक्टिंग चीफ जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सरकारी वकीलों की फीस बढ़ोतरी के सम्बन्ध में कार्रवाई चल रही है. इसी सम्बन्ध में 17 फरवरी 2023 को इस मामले पर विचार करने के लिए बैठक आयोजित की गई है.
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वकीलों की फीस बढ़ोतरी मामले की सुनवाई टली: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने वरीय अधिवक्ता पी के शाही समेत पांच वरीय अधिवक्ताओं को राज्य के मुख्य कार्यपालक (मुख्यमंत्री) से मिलकर इस सम्बन्ध में विचार करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 29 दिसम्बर,2022 को अधिवक्ताओं की टीम ने मुख्यमंत्री से भेंट कर सरकारी वकीलों के फीस बढ़ोतरी के सम्बन्ध में चर्चा की. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया था.
सरकारी वकीलों को काफी कम फीस का होता है भुगतान: पहले की सुनवाइयों में कोर्ट को बताया गया था कि केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य सरकारों के वकीलों की तुलना में यहां के सरकारी वकीलों को काफी कम फीस का भुगतान किया जाता है. कोर्ट को ये भी जानकारी दी गई थी कि पटना हाई कोर्ट में ही केंद्र सरकार के वकीलों की जहां रोजाना फीस न्यूनतम 9 हजार रुपये है, वहां बिहार सरकार के वकीलों को इसी हाई कोर्ट में रोजाना अधिकतम फीस 2750 से 3750 रुपये तक ही है.
दो हफ्ते बाद होगी मामले की सुनवाई: कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि पंजाब व हरियाणा, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल में भी वहां के सरकारी वकीलों की फीस बिहार के सरकारी वकीलों से ज्यादा है. सबसे दयनीय स्थिति राज्य के सहायक सरकारी वकीलों की है, जिन्हे रोजाना मात्र 1250 रुपये फीस पर ही काम करना पड़ता है. बिहार में राज्य सरकारों के वकीलों के फीस में वृद्धि 14 साल पहले हुई थी. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.