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कोरोना काल में पटना की युवती मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति महिलाओं को कर रही जागरूक

नेहा ने ईटीवी भारत से बताया कि उनका मकसद है महिलाओं को मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति जागरूक करना और कपड़ा या अन्य चीजों के बजाय पैड का इस्तेमाल को बढ़ावा देना.

Patna
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Published : Sep 2, 2020, 7:05 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 1:55 PM IST

पटनाः पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है. बात करें बिहार की तो बिहार में कोरोना और बाढ़ से लोगों का हाल बेहाल है. केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार इसकी रोकथाम और बचाव में लगी हुई है. बिहार में कई ऐसे निजी संस्थाएं हैं, जो महिलाओं के महावारी के दौरान होने वाली समस्याओं पर कार्य करती है. लेकिन मार्च महीने से ही इस पर किसी का ध्यान नहीं गया.

लॉ की छात्रा मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर फैला रही जागरुकता
राजधानी पटना की रहने वाली छात्रा नेहा सिंह लॉक डाउन की वजह से अपने घर पटना में हैं और पिछले 4 महीनों से मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही हैं और साथ ही महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन भी मुहैया करवा रही हैं. नेहा ने महिलाओं के लिए ब्लीडिंग ब्लूज नाम से सोशल मीडिया पर कैंपेन की शुरुआत की है. जिसमे घर से ही वह गांव से जुड़ी महिलाओं के लिस्ट तैयार करती हैं, फिर गांव जाकर उन महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन देती हैं. नेहा अब तक नवादा, पटना, वैशाली, दिल्ली, विशाखापट्टनम जैसी जगह पर 900 से ज्यादा सेनेटरी नैपकिन बांट चुकी हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

लॉ की छात्रा गांवों में बांट रही सेनेटरी नैपकिन
नेहा ने ईटीवी भारत से बताया कि उनका मकसद है महिलाओं को मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति जागरूक करना और कपड़ा या अन्य चीजों के बजाय पैड का इस्तेमाल को बढ़ावा देना. कोरोना महामारी में जब पटना जैसे बड़े शहर में ही लोगों को समस्या हो रही है, तो गांव की महिलाओं को कितनी समस्या होती होगी. इसलिए उन्होंने इस कार्य की शुरुआत की है.

लॉ की छात्रा कर रही लोगों को जागरूक
वहीं उन्होंने बताया कि अब तक हमने जहां-जहां भी महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन बांटी हैं. वहां एक साल तक हर महीने सेनेटरी नैपकिन बांटी जाएगी, ताकि महिलाएं उसकी आदी हो सके और उसका इस्तेमाल करें, क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं गांव में खुल कर जाकर सेनेटरी नैपकिन पैड खरीद नहीं पाती. इसलिए हमने इस अभियान की शुरुआत की है और महिलाओं को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि कपड़े और अन्य चीज के इस्तेमाल से होने वाले खतरों के बारे में वह जान सकें.

Last Updated : Sep 19, 2020, 1:55 PM IST

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