पटनाः बिहार में दशहरा के मौके पर एक बार फिरभगदड़ की बड़ी घटना सामने आई, जहां गोपालगंज में पूजा पंडाल देखने के दौरान हुई भगदड़ ने कई लोगों के परिवार की खुशियां छीन लीं. हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 लोगों के घायल होने की सूचना है. वहीं 7-8 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. इस घटना को देखकर गांधी मैदान की वो घटना भी फिर से ताजा हो गई है, जब 3 अक्टूबर 2014 को दशहरे के दिन पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 42 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
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2014 में पटना में मची थी भगदड़ : इससे पहले बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान 3 अक्टूबर 2014 को ऐसी ही भगदड़ मच गई थी, इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. बताया जाता है इस कार्यक्रम के बाद बाहर निकलने के दौरान अचानक भगदड़ मच गई थी. लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और चीख-पुकार मच गई. पुलिस भीड़ को नियंत्रित कर पाती तब तक कई लोगों की जानें जा चुकी थीं.
दशहरा में याद आता है वो हादसा : घटना के दूसरे दिन जब मौत का आकलन हुआ था, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 42 लोगों ने इस घटना में अपनी जान गंवा दी थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. रावण दहन के दौरान हुई इस भगदड़ के कारण पता लगाया गया तो मालूम हुआ कि लाखों की भीड़ के लिए गांधी मैदान में लोगों के बाहर निकलने के लिए सिर्फ दो ही गेट बनाए गए थे. जहां इतना भीड़ जमा हो गई कि लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ मच गई.
2012 में छठ के दिन 20 लोगों की हुई मौत :2014 की इस घटना से पहले 2012 में भी पटना में छठ के दौरान 20 लोगों की मौत हुई थी. दरअसल साल 2012 में 19 नवंबर को छठ के मौके पर शाम को अर्घ्य देने का लिए पटना के अदालतगंज घाट पर जाने के दौरान भगदड़ मच गई थी. घाट पर जाने के समय में एक संकरी गली में बिजली का तार गिरा हुआ था, जिसकी चपेट में कुछ लोग आ गए और कई लोगों को करंट लग गया. यह देख वहां भगदड़ मच इस घटना में भी तकरीबन 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मरने वालों में 4 महिलाएं और 8 बच्चे भी शामिल थे. घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया. छठ की खुशियां कई परिवारों के लिए मातम में बदल गईं.
बेगूसराय और बांका में भी मची थी भगदड़ः वहीं बेगूसराय में भी साल 2017 में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान सिमरिया गंगा घाट पर अचानक भगदड़ मच गई थी. यहां भी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. स्नान के बाद बाहर निकलने के दौरान कई लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और रौंदे जाने के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए थे. इसके अलावा साल 2022 में बांका के शक्तिपीठ तिलडीहा दुर्गा मंदिर में महाअष्टमी के दिन बलि देने के दौरान भगदड़ मची थी. जहां पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे.
इसी साल गोपालगंज में मची भगदड़ःअब इस साल भी गोपालगंज में नवमी के दिन भगदड़ मच गई, जब गोपालगंज के राजा दल पूजा पंडाल को देखने के लिए एक साथ सैकड़ों लोग उमड़ पड़े. भगदड़ में एक पांच साल का बच्चा नीचे गिर गया जिसे उठाने के लिए दो बुजुर्ग महिलाएं झुकीं और वो भीड़ में दब गईं. इसी क्रम में बच्चे और दोनों महिलाओं को भीड़ रौंदते हुए निकल गई, जिससे बच्चा समेत दोनों महिला की मौत हो गई. हालांकि बाद में पुलिस ने स्थिति को काबू में कर लिया, लेकिन तब तक 20 से ज्यादा लोग घायल हो चुके थे. इनमें कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. गंभीर लोगों का का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है.