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सड़क पर नेत्रदान मामले में डीएम ने दिए अशोका हॉस्पिटल पर सख्त कार्रवाई के आदेश

नेत्रदान के दौरान अमानवीय हरकत करने के मामले में अशोका हॉस्पिटल राजेंद्र नगर पर कार्रवाई होगी. डीएम ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है. मामला उजागर होते ही 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. जिसमें हॉस्पिटल की गैरजिम्मेदाराना हरकत सामने आयी थी.

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Published : Dec 19, 2021, 10:22 PM IST

पटना डीएम ने अशोका हॉस्पिटल पर कार्रवाई का आदेश दिया
पटना डीएम ने अशोका हॉस्पिटल पर कार्रवाई का आदेश दिया

पटना:पटना डीएम ने अशोका हॉस्पिटल राजेंद्र नगर (Ashoka Hospital Rajendra Nagar) के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है. हॉस्पिटल के बाहर एंबुलेंस में नेत्र दान करवाने के मामले में डीएम ने यह आदेश जारी किया है. नेत्रदान के बाद से ही 3 सदस्यों की जांच टीम गठित की गई थी. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था. जांच में अशोक हॉस्पिटल राजेंद्र नगर की गैरजिम्मेदाराना हरकत सामने आयी. मानवीय मूल्यों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ. डीएम ने मामले को संवेदनशील मानते हुए कार्रवाई का आदेश दिया.

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दरअसल, राजधानी पटना में एक बुजुर्ग महिला मौत के बाद एक परिवारवालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई, लेकिन अशोका अस्पताल ने नेत्रदान करवाने आई टीम को अस्पताल में घुसने नहीं दिया. इसके बाद IGIMS से आई टीम ने अस्पताल के बाहर सड़क पर खड़ी एक एंबुलेंस के (Eye Donation On Road In Patna) अंदर कार्निया निकाला गया. अशोका हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित (Committee For Investigation) कर दी थी.

गुरुवार को 74 साल की महिला हरजीत कौर का पटना के राजेंद्र नगर के अशोका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार वालों ने नेत्रदान कराने की इच्छा जताई. हरजीत कौर ने मृत्यु से पहले ही सारी तैयारी कर ली थी. लेकिन अस्पताल ने (Ashoka Hospital Creates Problems For Eye Donation) नेत्रदान करवाने IGIMS की टीम को अंदर नहीं आने दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस में सड़क पर महिला का नेत्रदान किया गया था.

बता दें कि मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच टीम का गठन कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. तीन सदस्यीय जांच दल में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पटना डॉ. अविनाश कुमार सिंह, सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित डॉ. अवधेश कुमार तथा श्रम अधीक्षक मनीष कुमार थे. जांच टीम को मामले की जांच कर अविलंब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था.

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने सिविल सर्जन पटना को अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है. जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन, दधिचि देहदान समिति, आईजीआईएमएस की टीम तथा मृतक के परिजन का बयान लेते हुए सभी पक्षों पर विचार कर अपनी जांच प्रतिवेदन जिलाधिकारी पटना को समर्पित किया था. जांच प्रतिवेदन में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही एवं असहयोगात्मक आचरण एवं मानवीय मूल्यों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ था.

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