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तकनीकी कारणों से परीक्षा में समस्या आने पर फिर से करें टेस्ट की व्यवस्था- प्रमंडलीय आयुक्त - ऑनलाइन क्लास पर पटना प्रमंडलीय आयुक्त का बयान

प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा है कि अगर किसी तकनीकी कारणों से परीक्षा में समस्या आये, तो स्कूल छात्रों के लिए फिर से टेस्ट की व्यवस्था करें.

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प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल

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Published : Aug 2, 2020, 8:07 PM IST

पटना:प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने ऑनलाइन क्लास करा रहे सभी स्कूल प्रशासन-टीचर्स से कहा है कि मोबाइल नेटवर्क या अन्य कारणों से छात्र-छात्राएं समय पर ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा ना दे पाएं, तो वैसे बच्चों के लिए पुनः टेस्ट की व्यवस्था होनी चाहिए.

बाधित नहीं होनी चाहिए पढ़ाई
नेटवर्क की वजह से बच्चों की पढ़ाई या परीक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन लिए जाने वाले टेस्ट या परीक्षा के दौरान कनेक्टिविटी की समस्या और अच्छे लैपटॉप, मोबाइल ना होने की समस्या के कारण बच्चों को आ रही परेशानी पर भी नजर रखें.

प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल

पैरेंट्स ने की शिकायत
कई पैरेंट्स की शिकायत मिली है कि नेटवर्क या अन्य तकनीकी कारणों से टेस्ट या परीक्षा समय पर नहीं दे पाने की स्थिति में बच्चों को दुबारा टेस्ट या परीक्षा के लिए मौका नहीं देने की बात टीचर्स कहते हैं.

छात्रों को करें मोटिवेट
प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए सभी विद्यालय की ओर से जो प्रयास किए जा रहे हैं, वो काफी सराहनीय है. हम सबको इस चुनौती से मिलकर लड़ना है. छात्र-छात्राएं भी ऑनलाइन क्लासेज के नए दौर से गुजर रहे हैं. उन्हें भी मोटिवेट कर के पढ़ाई और कोरोना की चिंता से मुक्त भी करवाना है.

अधिकारियों को निर्देश देते प्रमंडलीय आयुक्त

एक्स्ट्रा क्लासेस की करें व्यवस्था
इससे उबरने के लिए, परीक्षा की चिंता और अन्य बातों को समय-समय पर क्लास में डिस्कस करते हुए मोटिवेट करने की आवश्यकता है. प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि यदि किसी परिवार में कोई कोविड-19 से संक्रमित है तो, उन परिवारों के बच्चों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने, टेस्ट आयोजित कराने और एक्स्ट्रा क्लासेस कराने की भी व्यवस्था स्कूल करें.

बच्चों से लें फीडबैक
ऑनलाइन क्लास से बच्चों मे आत्मविश्वास पैदा हो, इसके लिए लगातार बच्चों और पेरेंट्स का फीडबैक भी लेना चाहिए. यदि कोई छात्र-छात्राओं को समस्या आती है तो, उसका निराकरण भी विद्यालय करें.

विभिन्न माध्यमों से बच्चों को ऑनलाइन क्लास में पढ़ाये जा रहे विषय की बातें समझ में ना आए, तो वो छात्र-छात्राओं को मौका दें कि वह पूछ सकते हैं. उनको जो पूछना है, उनके संबंध में व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से प्रश्न भेजने की व्यवस्था भी रहे.

ऑनलाइन टीचिंग का पर्यवेक्षण
केवल सब्जेक्ट की पढ़ाई ना करवाकर बीच में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज जैसे पेंटिंग, क्विज, डिबेट, मोटिवेशनल क्लासेज की भी होनी चाहिए. सभी प्राचार्य ऑनलाइन टीचिंग का पर्यवेक्षण भी करें. शिक्षकों को समय-समय पर विभिन्न अद्यतन प्रक्रियाओं और राष्ट्रीय स्तर पर चल रही इनोवेटिव प्रैक्टिसेस की भी जानकारी दें. ताकि ऑनलाइन पढ़ाई को और अधिक रोचक बनाया जा सके.

शिक्षकों का कार्य सराहनीय
प्रमंडलीय आयुक्त ने शिक्षकों की भी तारीफ की है. उन्होंने इस बदलते चुनौती में अपने आपको ऑनलाइन क्लासेज के लिए अपडेट किया. कई शिक्षक नई-नई तकनीक के माध्यम से कक्षा को रोचक बना रहे हैं. छात्र-छात्राओं को बेहतर तरीके से समझा रहे हैं और उनके साथ लगातार संपर्क भी रख रहे हैं, जो सराहनीय है.

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