पटना:लोकसभा के पूर्व सदस्य और लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव (Sadhu Yadav brother in law of Lalu Prasad Yadav) को पटना सिविल कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. साधु यादव के खिलाफ वर्ष 2001 में परिवहन विभाग में हंगामा और सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर मामला दर्ज किया गया था. 21 साल के बाद आज साधु यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है. 3 साल की सजा सुनाने के बाद न्यायालय ने उनको प्रोविजनल बेल दे दिया है.
लालू प्रसाद के साले व पूर्व विधायक साधु यादव को सजा, 3 साल की कैद
पटना सिविल कोर्ट ने लालू यादव के साले साधु यादव को तीन साल की सजा (Sadhu Yadav sentenced to three years) सुनाई है. कोर्ट ने साधू यादव को प्रोविजनल बेल भी दे दिया है. साल 2001 में परिवहन विभाग में हंगामा करने और सराकारी काम में बाधा डालने को लेकर साधु यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पढ़ें पूरी खबर..
साधू यादव को तीन साल की सजा: आपको बता दें कि, साधु यादव पिछली बार अपने जीजा लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के विवाह के बाद उनके मामा साधु यादव खुलकर बगावत पर उतर आए थे. तब उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी. उन्होंने तेजस्वी के पटना आने पर जूतों की माला से स्वागत करने की बात कही थी, वहीं, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने मामा को अपनी हद में रहने की धमकी दी थी. साधु यादव ने अपनी भाजियों, बहन राबड़ी देवी और जीजा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था.
लालू-राबड़ी के दौर में थी बड़ी हैसियत: गौरतलब है कि बिहार में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार के दौर में राबड़ी देवी के भाई और लालू के साले अनिरुद्ध यादव उर्फ साधु यादव की बड़ी हैसियत थी. शासन-प्रशासन में उन्हें लालू और राबड़ी का दायां हाथ माना जाता था. यूं कहें कि तब साधु यादव की बात का अर्थ था लालू और राबड़ी का आदेश. बता दें कि ये वही साधु यादव हैं, जिनकी लालू-राबड़ी राज में तूती बोलती थी. लालू के बिहार की सत्ता से बाहर जाने के बाद साधु के साथ बहन और जीजा के साथ रिश्ते बिगड़े तो वे राजनीति में अर्श से फर्श पर आ गए.