पटना:बिहार की राजधानी पटना का राजधानी जलाशयएक बार फिर से प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार हो चुका है. सचिवालय परिसर स्थित राजधानी जलाशय में एक बार फिर से विदेशी पक्षियों (Migratory birds in Patna Rajdhani Reservoir) का अच्छा खासा जमवाड़ा हो गया है. यह साइबेरियन बर्ड अपनी चहचहाहट से लोगों का मन मोह ले रहे हैं. राजधानी जलाशय के विहंगम दृश्य से लोगों के मन को विशेष शांति मिल रही है. यह रमणीय दृश्य इन दिनों काफी आकर्षण का केंद्र बन गया है.
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आकर्षण का केंद्र बना राजधानी जलाशयः सचिवालय स्थित लोगों को भारी संख्या में इधर-उधर उड़ते हुए पंख फड़फड़ाते हुए विदेशी पक्षियों को देखकर एक अलग शांति महसूस हो रही है. हर साल ठंड का मौसम शुरू होते ही राजधानी जलाशय में हजारों की तादाद में साइबेरियन पक्षियों पहुंच जाती हैं और उनकी चर्चा से लोगों का मन विभोर हो जाता है. यह पक्षियां कई देशों को पार करते हुए, सात समंदर पार करते हुए राजधानी जिला से पहुंचते हैं.
हर साल ठंड में जमा होते है विदेशी पक्षी:सचिवालय स्थित राजधानी जलाशय में हर साल ठंड के मौसम शुरू होते ही हजारों की तादाद में विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है. इस वर्ष भी यह शुरू हो गया है और विदेशी पक्षियों के आने से यह का नजारा देखते ही बनता है. इन पक्षियों का एक साथ उड़ना और इनकी चहचहाहट लोगों को काफी सुकून देती है. बिहार के विभिन्न स्कूलों से स्कूली बच्चे यहां इन विदेशी पक्षियों को यहां पक्षियों के बारे में काफी कुछ जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. पटना वन प्रमंडल की ओर से राजधानी जलाशय के लिए विशेष तैयारियां की जाती है. ताकि, प्रवासी पक्षियों को यहां सुगमता से ठहराव प्राप्त हो सके.
हजारों मील की यात्रा कर पहुंच रहे हैं पक्षी:यहां कॉमन कूट, विसलिंग डॉग, कॉरमोरेंट, जैसी कई पक्षियों हजारों मील की दूरी तय करके पहुंची हुई हैं. इनके आवाज लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं. ग्रीनिस वार्बलर समीर 3000 से अधिक किलोमीटर की दूरी करके यहां पहुंची है. यह पक्षियां मध्य एशिया के तजाकिस्तान, तुर्किस्तान, मंगोलिया और अफगानिस्तान को पार करके बिहार के पटना स्थित राजधानी जलाशय पहुंचती हैं. यह पक्षियां हमेशा झुंड में रहते हैं और हमेशा किसी खास जगह पर अनुकूल मौसम और भोजन की तलाश में राजधानी जलाशय में डेरा डालते हैं. इन प्रवासी पक्षियों के लिए विशेष रूप से मछलियां छोड़ी जाती हैं और पानी के साथ सफाई के लिए स्टाफ की तैनाती की जाती है, जो जलाशय में पानी डालते हैं और गंदे पानी को लगातार निकालते रहते हैं.
विदेशी पक्षियों के आने का दौर जारीः वर्तमान समय में विसलिंग डक, कॉमन कूट और ग्रीनिस वार्बलर की संख्या इन दिनों अधिक है. साथ ही लगातार इन प्रवासी पक्षियों का आगमन जारी है. इन्हें साइबेरियन बर्ड के नाम से जाना जाता है. उनके आने का दौर जारी है. इनकी आवाज से जो चहचहाट उत्पन्न हो रही है लोगों को काफी आकर्षित कर रही है.