पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि हम आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं. सरकार गरीबों और पिछड़े समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित कर रही है. इन सबका राज्य की समृद्धि में बड़ा योगदान है. सरकार चाहती है कि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी को मिले. बैंकों को इस दिशा में काफी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है. बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो. उक्त बातें बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) ने स्थानीय होटल मौर्या में आयोजित 81 वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक(bankers committee meeting) का शुभारंभ करते हुए कही.
पंचायत सरकार भवनों में खुलें बैंकों की शाखाएं : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की बड़ी भूमिका है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के लोगों का जन-धन योजना के तहत बैंक खाता खोलना और डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में राशि का हस्तांतरण युगांतकारी शुरुआत है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट तौर कहा है कि पंचायत स्तर पर पंचायत सरकार भवनों में बैंकों की शाखाएं खोली जाएं, ताकि लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो सकें. इसके अलावा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो.
निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें बैंक : उन्होंने कहा कि चाहे कृषि का क्षेत्र हो या उद्योग का क्षेत्र, बिजनेस सेक्टर हो या अन्य क्षेत्र, सभी बैंक निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें. बैंकों का दायित्व सिर्फ ऋण देने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन्हें लाभार्थियों का मार्गदर्शन भी करना है. हमारा प्रयास लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार के बैंकों को वार्षिक साख योजना (एसीपी) के लक्ष्य 161500 करोड़ रुपए के विरुद्ध 160837 करोड़ रुपए का कर्ज बैंकों की ओर से वितरित किया जा चुका है. यह उपलब्धि 99.59 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वार्षिक साख योजना का आकार 110000 करोड़ रुपये से बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है. साथ ही, राज्य का साख-जमा अनुपात (सी.डी. रेशियो) मार्च 2022 के अंत में 52.96 प्रतिशत रहा है साख जमा अनुपात में पिछले वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है. यह अब तक का अधिकतम साख-जमा अनुपात है, जो सराहनीय उपलब्धि है, परंतु इस दिशा में बैंकों को और मेहनत करने की जरूरत है.